नसबंदी के बाद बच्चा होने पर CMO बोले- इसमें आश्चर्य जैसी कोई बात नहीं, दिला देंगे मुआवजा

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर मे स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां नसबंदी कराने के ग्यारह माह बाद एक महिला ने नवजात शिशु को जन्म दिया है। महिला को पहले से ही 3 बच्चे हैं और परिवार में आर्थिक तंगी के चलते उसने नसबंदी कराई थी।

Aditya Mishra
Published on: 8 Feb 2019 9:30 AM GMT
नसबंदी के बाद बच्चा होने पर CMO बोले- इसमें आश्चर्य जैसी कोई बात नहीं, दिला देंगे मुआवजा
X

बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर मे स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां नसबंदी कराने के ग्यारह माह बाद एक महिला ने नवजात शिशु को जन्म दिया है। महिला को पहले से ही 3 बच्चे हैं और परिवार में आर्थिक तंगी के चलते नसबंदी कराई थी, लेकिन नसबंदी के बाद भी बच्चा होने से उसके दवा इलाज व खान पान से परिवार पर आर्थिक संकट गहरा गया है।

ये भी पढ़ें...झारखण्ड से अगवा दो नाबालिग बहनें बलरामपुर से बरामद, आरोपी तांत्रिक भी अरेस्ट

ये है पूरा मामला

जिले के उतरौला तहसील क्षेत्र के पुरैना बुलंद गांव की रहने वाली माया देवी ने पिछले वर्ष 27 फरवरी को गैंडास बुजुर्ग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर नसबंदी कराई थी। नसबंदी के करीब दो माह बाद ही माया देवी फिर गर्भवती हो गई और उसने पिछले 4 जनवरी 2019 को एक नवजात शिशु को जन्म दिया।

मायादेवी का आरोप है कि जब से डॉक्टरों ने उसकी नसबंदी की है तब से उसे दर्द रहता है जिसके चलते काफी पैसे दवा इलाज में खर्च हो रहे हैं। मायादेवी ने नसबंदी करने वाले लापरवाह चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही और अतिरिक्त क्षतिपूर्ति की मांग की है।

बताते चले कि माया देवी के पहले से ही 3 बच्चे है जिनका पालन पोषण करना परिवार के लिए भारी पड़ रहा था। बच्चों के भविष्य को देखते हुए उसने नसबंदी कराया लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही उस पर भारी पड़ गयी। नसबंदी के बाद नवजात को जन्म देने से माया देवी को तमाम शारीरिक और आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।

ये भी पढ़ें...यूपी के बलरामपुर में विहिप के भोलेन्द्र ने दी त्रिशूल दीक्षा, बंटी कृपाण जैसी चीज

माया देवी के पति के पास मात्र 3 बिस्वा जमीन है। जिससे वह अपने परिवार का किसी तरह गुजारा कर रहा है। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टरों की लापरवाही से सरकार द्वारा चलाये जा रहे जनसंख्या नियंत्रण योजना पर भी सवाल उठने लगे है।

मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम सिंह संवेदनहीन रवैया दिखाते हुए कहा की नसबंदी के बाद बच्चा होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है नसबंदी के फेल होने के चांस रहते हैं और यदि ऐसा हुआ है तो उसकी जांच करा ली जाएगी और पीड़िता को शासन द्वारा निर्धारित 30 हजार रुपये मुआवजा दिला दिया जाएगा।

ये भी पढ़ें...लखनऊ से अपने पति को ढूंढने बलरामपुर व्हील चेयर पर पहुंची ससुराल

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story