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Jaunpur: नप अध्यक्ष और ईओ की गलती ले चुका था सांप्रदायिक तनाव का रूप, SDM ने दिखाई सूझ-बूझ, होगी कार्रवाई?
Jaunpur: मुस्लिम समाज के चंद लोगों द्वारा किए गए इस कृत्य के बाद हिन्दू और मुस्लिम समाज के लोग अब आमने-सामने आ चुके हैं। तहसील प्रशासन को जब इस संबंध में जानकारी मिली, हाथ-पांव फूल गए।
Jaunpur News : जौनपुर जिले के तहसील मड़ियाहूं स्थित कस्बा में साम्प्रदायिक तनाव देखा जा रहा है। दरअसल, एक हिन्दू व्यक्ति की जमीन पर अल्पसंख्यक समुदाय के शख्स का शव दफन करने को विवाद बढ़ चुका था। मुस्लिम समाज के चंद लोगों द्वारा किए गए इस कृत्य के बाद हिन्दू और मुस्लिम समाज के लोग अब आमने-सामने आ चुके हैं। तहसील प्रशासन को जब इस संबंध में जानकारी मिली, पुलिस के हाथ-पांव फूल गए।
हालांकि, एसडीएम (SDM) ने सूझ-बूझ का परिचय दिया। तब कहीं जाकर इस मामले का हल निकला। SDM ने मुसलमानों के लिए अधिकृत कब्रिस्तान में शव दफनाने की व्यवस्था करवाई। खबर लिखे जाने तक स्थिति सामान्य हो चुकी थी।
क्या है मामला?
ख़बरों की मानें तो मुसलमानों के कब्रिस्तान की जमीन को नगर पंचायत अध्यक्ष एवं अधिशासी अधिकारी ने पौधशाला बनाकर कब्जा जमा रखा है। कब्रिस्तान के बगल में लालजी मौर्य नामक व्यक्ति की जमीन है। कब्रिस्तान का पत्थर लालजी मौर्य की जमीन पर लगा दिया गया। जिससे अल्पसंख्यक समाज के लोग भ्रमित हो गए। बीती रात मुस्लिम समुदाय के मुख्तार अहमद नामक व्यक्ति के परिवार में एक महिला की मौत हो गई। आज जब मुस्लिम समाज के लोग शव दफनाने लगे तो जमीन खोदी जाने लगी तो भूमि के मालिक लालजी मौर्य की तरफ से आपत्ति जताई गई। धीरे-धीरे ये विवाद बढ़ने लगा। एक समय ऐसा आय जब मुस्लिम समाज के लोग जबरन शव दफनाने को अमादा हो गए। लालजी मौर्य की तरफ से हिन्दू वाहिनी संगठन सहित तमाम हिन्दू नेता मौके पर पहुंच गए और विरोध शुरू किया। देखते ही देखते स्थित तनावपूर्ण हो गया।
ऐसे हुआ मामले का पटाक्षेप
इसकी भनक लगने पर मड़ियाहूं थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों पक्षों को थाने ले गई। यहां भी मुसलमान लालजी मौर्य की जमीन को शव दफनाने की बात कहते रहे। उनका कहना था वही कब्रिस्तान है, इसलिए शव वहीं दफनाया जाएगा। जिसका हिन्दू लगातार विरोध करते रहे। इसके बाद मौके पर एसडीएम मड़ियाहूं अर्चना ओझा और सीओ पहुंचे। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद एसडीएम ने पहले से निर्धारित कब्रिस्तान में शव को दफन करवाया। तब कहीं जाकर इस पूरे मामले का पटाक्षेप हुआ।
सीओ मीडिया से नजरें बचाते रहे
इस पूरे मामले पर जब मीडिया ने सीओ मड़ियाहूं से जानकारी लेने का प्रयास किया तो सरकारी अधिकारी ने बात करना उचित नहीं समझा। आम लोगों में चर्चा है कि सीओ मड़ियाहूं ने इस मामले में नगर पंचायत के अध्यक्ष और ईओ को बचाने की पूरी कोशिश करते नजर आए। मगर, आवाम के तेवर देख पीछे हट गए।
दोषियों पर होगी कार्रवाई या जाएगा ठंडे बस्ते में
जो बातें छनकर सामने आ रही है उसके अनुसार मड़ियाहूं में आज जो स्थिति अचानक पैदा हुई उसके सूत्रधार नगर पंचायत के अध्यक्ष और ईओ को माना जा रहा है। इनके द्वारा कब्रिस्तान की जमीन को पौधशाला बनाना और लालजी मौर्य की भूमिधरी जमीन पर कब्रिस्तान का पत्थर लगाने से मुसलमानों में भ्रम पैदा हो गया था। माना जा रहा है कि एसडीएम अगर सूझबूझ से काम न लेतीं तो अब तक मड़ियाहूं से शुरू हुआ विवाद जिले में अशांति का कारण बनता। अब देखना यह है कि भ्रम पैदा करने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई होती है या मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।