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अवैध कब्जे की शिकायत पड़ी महंगी, भुगतना पड़ा बड़ा खामियाज़ा
सिकन्दरपुर तहसील के गौरा मदनपुरा गांव के खड़क बहादुर यादव को नगरा थाना प्रभारी से ही प्राण का खतरा उत्पन्न हो गया है ।
बलिया: सिकन्दरपुर तहसील के गौरा मदनपुरा गांव के खड़क बहादुर यादव को नगरा थाना प्रभारी से ही प्राण का खतरा उत्पन्न हो गया है । उन्होंने उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि सरकारी भूमि की रक्षा करने का खामियाजा उसे फर्जी मुकदमे व पुलिस की प्रताड़ना के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
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नगरा थाना क्षेत्र का गौरा मदनपुरा ग्राम में पुलिसिया कार्रवाई को लेकर नगरा थाना प्रभारी यादवेंद्र पांडेय की भूमिका सवालों के घेरे में है । सिकन्दरपुर तहसील के ग्राम सभा गौरा मदनपुरा में पिछले दिनों वन विभाग की जमीन गाटा संख्या 670 व 673 क रकबा चार एकड़ पर भूमाफियाओ द्वारा कब्जा करने का मामला सामने आया था । इस भूमि पर पक्का निर्माण करने की जानकारी गांव के समाजसेवी खड़क बहादुर यादव ने उप जिलाधिकारी, सिकन्दरपुर संगम लाल यादव को लिखित रूप से शिकायती पत्र में दिया था । बताते हैं कि उप जिलाधिकारी द्वारा पत्रावली का परीक्षण करने के बाद वन विभाग व थाना नगरा को उस समय सरकारी जमीन पर कब्जा रोकने का निर्देश जारी किया गया , वहीं थानाध्यक्ष , नगरा को मोबाइल से भी उपजिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया। डीएफओ बलिया द्वारा भी थानाध्यक्ष , नगरा को जमीन कब्जा करने वाले लोगों को रोकने संबंधी निर्देश दिया गया। आरोप है कि नगरा पुलिस ने निर्माण कार्य रोकने में जब रुचि नहीं दिखाई तो इसके बाद समाजसेवी खड़क बहादुर यादव उप जिलाधिकारी , सिकन्दरपुर का आदेश लेकर स्वयं थाना नगरा पहुंचे थे ।
समाजसेवी यादव का आरोप है कि उप जिलाधिकारी के निर्देश पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने उसे ही शांति भंग के आरोप में हवालात में बंद कर दिया। इस बीच उप जिलाधिकारी ने वन विभाग के रेंजर को फोन कर वन विभाग की जमीन पर हो रहे कब्जा को रोकने का निर्देश दिया । उप जिलाधिकारी के निर्देश पर वन विभाग के रेंजर अभय कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और निर्माण कार्य को रोक दिया। वन विभाग ने निर्माण कार्य कर रहे गौरा मदनपुरा निवासी सखीचंद व सुभाष पुत्र गण शिवधर से लिखित रूप से ले लिया कि जब तक जमीन की पैमाइश नहीं होगी तब तक कोई भी निर्माण कार्य नहीं करेंगे। आरोप है कि वन विभाग को लिख कर देने के बावजूद भी निर्माण कार्य किया जाता रहा । इसके बाद उप जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित टीम द्वारा गांव में पहुँचकर पैमाइश की गई । पैमाइश टीम द्वारा वन विभाग के साथ-साथ एक अन्य काश्तकार की जमीन पर अवैध कब्जा होना पाया गया और इसकी रिपोर्ट उपजिलाधिकारी सिकन्दरपुर को सौंपी गई । उप जिलाधिकारी ने अवैध निर्माण को रोक दिया।
आरोप है कि उप जिलाधिकारी के स्पष्ट आदेश के बावजूद भूमि पर भवन निर्माण का कार्य बदस्तूर जारी रहा । गांव के रमाकांत पुत्र रामविलास ने आजिज आकर गत 18 जुलाई को मुख्यमंत्री व पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर आत्मदाह करने की इजाजत मांगी। इसका असर यह हुआ कि निर्माण कार्य रोक दिया गया । दो दिन पूर्व वन विभाग व काश्तकार की जमीन पर अवैध कब्जे का प्रयास किया गया । पुलिस ने इस मामले में खड़क बहादुर यादव व उनके परिजनों के विरुद्ध दलित एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया । खड़क बहादुर का आरोप है कि अवैध कब्जा करने वालों ने काश्तकार की पिटाई की । काश्तकार द्वारा इसकी सूचना डायल 112 पर भी दी गई ।
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आरोप है कि इसके बाद नगरा थाना प्रभारी आगबबूला हो गये । खड़क बहादुर का आरोप है कि नगरा थाना प्रभारी ने भू माफियाओं के साथ मिलकर फर्जी गोली चलने की सूचना पहले वायरल करवा दी और इसके बाद वह कई थानों की फोर्स लेकर गौरा मदनपुरा गांव पहुंच गए । खड़क बहादुर ने पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाया है । मुख्यमंत्री को प्रेषित शिकायत में खड़क बहादुर का कहना है कि वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे को रोकने का प्रयास उसे मंहगा पड़ा है । उसके सहित उसके दो भाइयों व एक भतीजे पर कल दलित उत्पीड़न सहित विभिन्न धाराओं में गलत मुकदमा दर्ज किया गया है ।
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