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संक्रमण का खतरा: गली-मोहल्लों मे फेंकी जा रही है जांच की हुई किट
जांच की हुयी किटों को सार्वजनिक जगहों पर फेंके जाने की तस्वीर सामने आ रही है, जो कि स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का नतीजा है
एटा। विश्व स्तर पर फैली कोरोना महामारी न जाने कब खत्म होगी। विश्व का लगभग हर देश इस वायरस की चपेट में है। अगर भारत देश की बात करें तो पिछले कुछ दिनों में भारत ने पिछले सभी रिकाॅर्ड तोड़ दिये। केस तो अब तेजी से घट रहें हैं मगर मौतों का आंकड़ा अभी देखने को मिल रहा है। कोरेना महामारी के बीच भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। देश के लोगों ने जरूरतमंदों को खूब लूटा। और तो और शवों की भी बेकदरी हुयी। नदी में शवों को फेंककर वायरस के साथ-साथ गंदगी भी फैलायी जा रही है। वहीं अब जांच की हुयी किटों को सार्वजनिक जगहों पर फेंके जाने की तस्वीर सामने आ रही है, जो कि स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का नतीजा है।
जहां हम स्वास्थ्य कर्मियों को भगवान का दर्जा देते हैं वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो हमें संक्रमण की ओर ढकेल रहे हैं। ऐसा ही स्वास्थ्य कर्मियों का एक नमूना सीएमओ कार्यालय के पीछे स्थित मोहल्ला डाक बगलिया में देखने को मिला जिसमे स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना टेस्टिंग की गई किटों को आबादी वाले जगहों में डालकर कोविड-19 के नियमों का पालन न करते हुए आम जन मानस की जान से भी खिलवाड़ कर रहे हैं।
आपको बताते चलें कि इसी मोहल्ला डाक बगलिया में मुख्य चिकित्साधिकारी का कार्यालय है। और इसी कार्यालय में कोविड-19 का कन्ट्रोल रूम भी है। तथा कोविड-19 की किट, वैक्सीन, दवाओ के वितरण से लेकर हिसाब किताब सब यही से संचालित होता है। आये दिन देखने को मिल रहा है कि स्वास्थ्य विभाग जांच के बाद एंन्टीजन का सैम्पल तथा जांच की गयी किटों को खुले आम फेंक रहे हैं। और अलग अलग स्थानों पर जलाते भी देखा जा सकता है।
मोहल्लावासी हैं गंदगी से परेशान
मोहल्ला डाक बगलिया निवासी अरूण कुमार मिश्रा ने बताया कि हम सीएमओ कार्यालय के पास के ही निवासी हैं। यहां स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही व गुंडागर्दी से परेशान हैं। कोई भी कहीं भी कोरोना संक्रमितों की टेस्ट की गयी किटे खुले मे फैंक देते हैं। प्रयोग किये गये मास्क व गलप्स भी सडकों पर फेंके रहते हैं। लोगो के दरवाजों के सामने पड़े रहते हैं। हमारे मौहल्ले में अब तक आधा दर्जन से अधिक लोग संक्रमित हुये हैं, परन्तु आज तक सैनेटाइज नही कराया गया। किसी भी सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। और न इतने मरीज होने के बाद भी कोई मार्ग बन्द नहीं किया गया। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से ही हमारे मोहल्ले में संक्रमण फैला है।
वहीं अरविंद कुमार एडवोकेट ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मी आए दिन सीएमओ कार्यालय परिसर में प्रयोग की हुई विभिन्न वस्तुओं को जलाते रहते हैं। जिसमें भारी बदबू आती है, और सांस के साथ अन्दर चले जाने पर उलटी तथा सांस फूलने लगती है। सीएमओ से शिकायत के बाद भी यह सब खेल चला रहा है।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅक्टर उमेश त्रिपाठी ने बताया कि प्रयोग की गयी कोई भी किट मास्क व गलप्स आदि को बायो मैट्रिक्स से नष्ट करने का नियम है। जिसके संग्रह के लिए स्थान तय है। कोविड-19 की जांच तथा उसके सम्बन्ध में प्रयोग की गयी सभी वस्तुओं को खुले में फेंकने वाले कर्मचारियों की जांच करा कर उनके विरुद्ध कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।