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मुस्लिम शख्स को दफनाने का हिंदुओं ने किया विरोध, अलीगढ़ में तनाव
अलीगढ़: अलीगढ़ जिले में गुरुवार को दो समुदायों के बीच एक मृतक को दफनाने को लेकर तनाव हो गया। एक धर्म के मृतक को श्मशान में दफनाने का दूसरे समुदाय ने विरोध किया। दरअसल, जिस जमीन पर श्मशान है, सरकारी दस्तावेजों में वह श्मशान के लिए ही आवंटित है। पिछले कुछ सालों से उसका इस्तेमाल दोनों समुदाय अंतिम संस्कार करते रहे हैं।
पिछले साल से जब ये बात सामने आई कि जमीन श्मशान के लिए आवंटित है, तो एक समुदाय के कुछ लोगों ने वहां शव दफनाने का विरोध शुरू किया।
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ये है मामला
अंग्रेजी अख़बार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' (टीओआई) को स्थानीय निवासी मोहम्मद अनील ने बताया, कि 'पिछले साल एक परिवार ने जब जमीन के कब्रिस्तान माने जाने वाले हिस्से में शव को जलाया, तो दूसरे समुदाय ने इस पर आपत्ति की। विवाद बढ़ने पर पुलिस बुलाई गई। लेकिन जब ये सामने आया कि जमीन का वो हिस्सा भी श्मशान के लिए ही है तो मामला ठंडा पड़ गया। बता दें कि मो.अनील गुुरुवार को दफनाए जा रहे मृतक मोहम्मद शम्सुद्दीन के भतीजे हैं।
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कहां की है घटना?
बता दें, कि ये घटना अलीगढ़ के सलेमपुर गांव की है। टीओआई को गांव के चौकीदार ने बताया, कि 'हमारे समुदाय के लोगों ने दफन करने से रोका, क्योंकि वो जमीन श्मशान की है और दूसरे समुदाय को उसका इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है।'
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ये कहा सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट ने
स्थानीय सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट पंकज वर्मा ने अख़बार को बताया, कि 'बीते कई सालों से जमीन का इस्तेमाल दोनों समुदाय के लोग करते रहे हैं। लेकिन जब ये बात सामने आयी कि यह जमीन श्मशान के लिए है तो समस्या उत्पन्न होने लगी।' उन्होंने बताया कि 'यह मुद्दा हल हो गया और छह में से एक बीघा जमीन श्मशान के लिए दे दी गई है।'