×

शिक्षक की शर्तः शैक्षिक दस्तावेजों की जांच से पहले हो सीएम पीएम की जांच

यूपी में फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों का पता लगाने के लिए यूपी सरकार ने बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग के सभी शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच का आदेश दिया है।

Newstrack
Published on: 7 Aug 2020 8:53 AM GMT
शिक्षक की शर्तः शैक्षिक दस्तावेजों की जांच से पहले हो सीएम पीएम की जांच
X
शिक्षकों की शर्तः शैक्षिक दस्तावेजों की जांच से पहले हो सीएम पीएम की जांच

लखनऊ: यूपी में फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों का पता लगाने के लिए यूपी सरकार ने बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग के सभी शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच का आदेश दिया है। लेकिन यूपी की राजधानी लखनऊ के एक कालेज के एक शिक्षक ने दस्तावेजों की जांच कराने से पहले कालेज के प्रिसिंपल के सामने अनोखी शर्त रख दी। शिक्षक ने प्रधानाचार्य को पत्र लिख कर कहा है कि पहले प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच की जाए उसके बाद वह अपने शैक्षिक दस्तावेजों की जांच करायेंगे।

ये भी पढ़ें:राम मंदिर: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बयान पर बवाल, जिलानी ने कही ऐसी बात

शिक्षकों की शर्तः शैक्षिक दस्तावेजों की जांच से पहले हो सीएम पीएम की जांच

हरिश्चंद्र इंटर कालेज के रसायन विज्ञान के प्रवक्ता राम निवास ने लिखा पत्र

राजधानी लखनऊ के कैंट इलाके में स्थित हरिश्चंद्र इंटर कालेज के रसायन विज्ञान के प्रवक्ता राम निवास ने अपने शैक्षिक दस्तावेजों की जांच कराने से मना करते हुए कालेज के प्रिंसिपल को पत्र लिखकर कहा कि उनके दस्तावेजों की जांच से पहले प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच की जाए, उसके बाद वह अपने शैक्षिक दस्तावेजों की जांच करायेंगे। प्रवक्ता का पत्र मिलने पर प्रिंसिपल ने इसकी जानकारी डीआईओएस डा. मुकेश सिंह को दी।

डीआईओएस ने इस मामलें में प्रिंसिपल को प्रवक्ता राम निवास का वेतन रोकने का तथा माध्यमिक शिक्षा अधिनियम-1921 के प्राविधानों के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

ये भी पढ़ें:दहल उठा जम्मू: लगातार हो रही ताबड़तोड़ गोलाबारी, मोर्टारों से सहमे लोग

शिक्षकों की शर्तः शैक्षिक दस्तावेजों की जांच से पहले हो सीएम पीएम की जांच

डीआईओएस का कहना है कि उक्त प्रवक्ता ने विभागीय अधिकारियों के शासकीय आदेशों का पालन नहीं किया है और अपने शैक्षिक अभिलेखों की जांच कराने के बजाये प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के संबंध में बयान दिया है, जो नियम विरूद्ध और आचरण नियमावली का उल्लंघन है।

बता दे कि पिछले दिनों बेसिक शिक्षा विभाग और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों तथा दूसरे के नाम पर नौकरी करने के लगातार कई मामलें सामने आने के बाद यूपी सरकार ने बेसिक, माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत सभी शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच करने का आदेश दिया था। जिसके तहत यूपी में सभी शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच चल रही है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story