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मौत के मातम में सरकार मना रही उत्सव: अजय कुमार लल्लू

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि दुःखद मौत के मातम के बीच उत्सव मनाने का भाजपा सरकारों का निर्णय संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।

Dharmendra kumar
Published By Dharmendra kumar
Published on: 11 April 2021 7:16 PM IST (Updated on: 11 April 2021 7:24 PM IST)
मौत के मातम में सरकार मना रही उत्सव: अजय कुमार लल्लू
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एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान अजय कुमार लल्लू (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

लखनऊ: वैश्विक महामारी कोरोना का व्यापक प्रसार, तेजी से बढ़ रहे संक्रमण और भारी संख्या में हो रही दुःखद मौतें चिंतित करने वाली हैं। कोरोना महामारी पर प्रभावी नियंत्रण के नाकाफी सरकारी उपाय भी चिन्ता एवं गंभीर प्रश्न खड़े कर रहे हैं। अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं का बेहद अभाव है। वैक्सीन, बेड, वेंटिलेटर और आईसीयू की व्यापक कमी प्रदेशवासियों की चिन्ता बढ़ाने वाली है। 84 अन्य देशों को मुफ्त में वैक्सीन निर्यात करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण साबित हो रहा है। अभी भी विदेशों को वैक्सीन भेजे जाने पर रोक न लगाना हठधर्मिता का परिचायक है।उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने यह बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राजधानी में वैक्सीन के लिए लोगों को लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ रही है, अस्पतालों के गेटों पर मरीज दम तोड़ रहे हैं और इतना ही नहीं शवदाह गृहों पर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को 40-40 घंटे प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। यह कोरोना की भयावहता, सरकार की लापरवाही और उदासीनता को दर्शाता है। वहीं दुःख, पीड़ा और इलाज की असफल जद्दोजहद के बाद होने वाली दुःखद मौत के मातम के बीच उत्सव मनाने का भाजपा सरकारों का निर्णय संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि यूपी सरकार इस वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने एवं बदहाल चिकित्सा व्यवस्था को दुरूस्त करने के बजाए आंकड़ों की कलाबाजी कर रही है। भारी संख्या में हो रहीं मौतों की संख्या को छिपाकर महामारी की गंभीरता को कम करने की कोशिश कर रही है जो प्रदेश की जनता के लिए घातक साबित हो रहे हैं। पिछले 24 घंटों में लखनऊ स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 23 मौतें कोरोना से हुईं जबकि लखनऊ के मात्र दो विद्युत शवदाह गृहों में ही 65 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इस हिसाब से प्रदेश में मौतों का वास्तविक आंकड़ा समझा जा सकता है।


वैक्सीन की व्यापक कमी सरकार की प्रचारजीविता का दुष्परिणाम

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि वैक्सीन की व्यापक कमी केन्द्र और प्रदेश सरकार की प्रचारजीविता का दुष्परिणाम है। एक तरफ यूपी के साथ ही साथ तमाम राज्यों में वैक्सीन की भारी कमी के चलते लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पा रही है। वैक्सीन सेंटर बंद कर दिये गये हैं। देवरिया, आजमगढ़, सीतापुर, गाजियाबाद, लखनऊ के केजीएमयू आदि जगहों पर वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। लोग अस्पतालों में दिन-दिन भर लाइन लगाने के बाद मायूस होकर अपने घरों को लौट रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री जी द्वारा महज झूठे प्रचार के लिए अपने देश के लोगों की जान की परवाह न करते हुए 84 देशों को वैक्सीन निर्यात किया जाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और देश की जनता के साथ क्रूर मजाक है।
उन्होंने कहा कि देश की एक बड़ी आबादी गरीबी में जी रही है। 2020 में कोरोना महामारी आने के बाद लोगों की जीविका के स्रोत छिन गये हैं। नौकरियां छिन गई हैं। उद्योग-धन्धे चैपट हो गये हैं। कामगार बेरोजगार हो गए हैं। आपदा में अवसर तलाश रही यूपी सरकार अब सरकारी मेडिकल कालेजों में आरटीपीसीआर की जांच के लिए छः सौ रूपये वसूल रही है जो पहले मुफ्त होती थी। सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन की कमी है। ऐसे में लोग प्राइवेट अस्पताल में वैक्सीन लगवायेंगे जिसकी कीमत ढाई सौ रूपये प्रति व्यक्ति है। वहीं बड़े स्तर पर विदेशों को वैक्सीन भेजी जा रही है जिस पर देशवासियों का हक विदेशों से पहले है। अपनी झूठी वाहवाही और प्रचार के लिए भेजी जा रही इन वैक्सीन से देशवासियों को वंचित करना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है।


सरकार अस्पतालों में डाॅक्टरों की कमी

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के मुखिया तमाम तरीके के खोखले वादे और दावे करते रहते हैं। प्रतिदिन एक आदेश/निर्देश जारी कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान लेते हैं। जबकि धरातल की परिस्थितियां डराने वाली हैं। मीडिया की तमाम खबरों के अनुसार प्रदेश के श्रेष्ठ चिकित्सा संस्थान केजीएमयू में सौ के लगभग रेजीडेंट चिकित्सकों की कमी है। राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान से सेवानिवृत्त हुए करीब 43 चिकित्सकों के पद अभी भी भरे नहीं जा सके हैं। यही हालात प्रदेश के लगभग सभी महत्वपूर्ण अस्पतालों की है। पैरा मेडिकल स्टाफ की व्यापक कमी पूरे प्रदेश में है। सरकार झूठे आंकड़ों के पीछे अपनी नाकामी छिपाने के बजाए यथाशीघ्र सभी लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराये, जांच और इलाज के लिए युद्ध स्तर पर महा अभियान शुरू करे। चिकित्सीय उपकरणों और चिकित्सकों के साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करे और केन्द्र सरकार से गंभीरतापूर्वक वार्ता कर वैक्सीन की कमी को दूर करवाये।


Dharmendra Singh

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