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Amethi: गांधी परिवार का कर्म स्थली से हुआ मोह भंग, कांग्रेस के गढ़ से कटी भारत जोड़ो यात्रा
Amethi News: कांग्रेस का गढ़ रही अमेठी और रायबरेली कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से भी कट गई है।
Amethi News: गांधी नेहरू परिवार (Gandhi Nehru Family) की कर्म स्थली और कांग्रेस (Congress) का गढ़ रही अमेठी और रायबरेली कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा (Congress Bharat Jodo Yatra) से भी कट गयी है। इस अमेठी और रायबरेली पर कभी गांधी नेहरू परिवार (Gandhi Nehru Family) के सदस्यों को नाज रहा करता था। आज वह अमेठी गांधी परिवार (Gandhi Family) से दूर होती जा रही है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा मे अमेठी और रायबरेली का सीधा प्रतिनिधत्व कहीं से भी नहीं दिखाई पड़ रहा है।
गांधी नेहरू परिवार की कर्म स्थली है अमेठी और रायबरेली
गांधी नेहरू परिवार की कर्म स्थली और कभी कांग्रेस का गढ़ रही अमेठी और रायबरेली भारत जोड़ो यात्रा से दूर हो गयी। जिस राय बरेली और अमेठी पर कभी गांधी नेहरू परिवार को नाज रहता था। वही अमेठी और राय बरेली के लोग गांधी परिवार को सर आँखों पर बिठाये रहते थे।
आज जब राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से देश का भ्रमण कर रहे है। तब राय बरेली और अमेठी का सीधा प्रतिनिधित्व नहीं दिखाई पड़ रहा है। सिर्फ खाना पूर्ति के लिए अमेठी से कांग्रेस सेवा दल का जिला अध्यक्ष राम बरन कश्यप को यात्रा दल में शामिल किया है। रायबरेली और अमेठी से यात्रा निकलने और यहां के लोगों की सहभागिता की बात तो दूर किसी भी छोर पर हो कर यात्रा नहीं जा रही है। यहां तक राय बरेली और अमेठी से कोसों से दूर बुलंदशहर से होकर यात्रा निकल जा रही है।
गांधी परिवार ने अमेठी और राय बरेली के बारे मे विचार नहीं किया
ऐसा प्रतीत हो रहा है कि गांधी परिवार ने अमेठी और राय बरेली के बारे मे विचार ही ना किया हो। भारत जोड़ो यात्रा दक्षिण जोड़ो से शुरु ना होकर अमेठी या राय बरेली से भी शुरु की जा सकती थी।
राहुल गांधी ही यात्रा का प्रतिनिधित्व कर रहे है: वरिष्ठ कांग्रेसी
एक वरिष्ठ कांग्रेसी ने बताया कि राहुल गांधी ही यात्रा का प्रतिनिधित्व कर रहे है। अमेठी और राय बरेली राहुल गांधी के पूर्वजों की कर्म स्थली रही है। इस नाते यह यात्रा अमेठी या रायबरेली भी शुरु की जा सकती थी। इससे अमेठी रायबरेली क्या पूरे प्रदेश के कार्यकर्ताओं मे जोश आ जाता।
गांधी परिवार की कर्म स्थली ही नहीं उत्तर भारत ही है यात्रा से दूर
इसके अतरिक्त यदि राज नैतिक रूप से बात की जाय तो अगामी 2024 मे आम चुनाव होने है। राज नैतिक जानकारों का मानना है कि केंद्र का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अमेठी राय बरेली की बात तो दूर पूरे यूपी का भी प्रतिनिधित्व नहीं दिखाई दे रहा है। जिस तरह से खाना पूर्ति के लिए अमेठी से एक व्यक्ति को यात्रा में शामिल किया गया है। उसी तरह यूपी के हिस्से में पुरी यात्रा मे महज दो दिन ही यूपी को मिल रहा है। ऐसे मे कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से अमेठी व रायबरेली ही नहीं पुरा उत्तर भारत ही दूर हो गया है।
चुनाव में हार के बाद से अमेठी से दूर हो रहा गांधी परिवार
2019 के आम चुनाव मे राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गये थे। चुनाव हारने के बाद से राहुल गांधी अमेठी से दूरी बना लिए है।कुछ मौकों को छोड़ दिया जाय तो राहुल गांधी की अमेठी मे उपस्थिति ना के बराबर रहती है।ऐसे मे जहाँ आम जन मानस का कांग्रेस से मोह भंग होता जा रहा है वही कांग्रेस के पास कार्यकर्ताओं की भी कमी दिखाई पड़ने लगी है।जब भारत जोड़ो का मौका आया तो भी राहुल गांधी ने अमेठी से अपने परिवारिक रिश्ते का भी ख्याल नहीं रखा। इसके पूर्व राहुल गांधी 2019 मे चुनाव हारने के लगभग 29 माह बाद यूपी विधान के समय 2019 मे अमेठी दौरे पर आये थे।उस समय राजनितिक गलियारे मे हल चल तेज हो गयीं थी राहुल गांधी दोबारा 2024 मे चुनाव लड़ सकते है।
150 दिनों में खत्म होगी यात्रा
बता दें कि यात्रा अब तक 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 150 दिनों में पूरी होगी और इसके तहत 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। पदयात्रा सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और जम्मू-कश्मीर में समाप्त होगी।
बिना अमेठी को साथ लिए नहीं बढ़ सकती कांग्रेस
अयोध्या आरएम एलयू पूर्व महामंत्री डा अर्जुन पांडेय बताते है कि मैंने पूरा भारत घूम कर देखा है।आज भी अगर देखा जाए तो कन्या कुमारी से कश्मीर तक कक्ष से काठियावाड़ और अरुणाचल प्रदेश तक कोई मिलता है तो अमेठी बताने पर राजीव गांधी इंदिरा गांधी सोनिया और राहुल गांधी का नाम ही आता है।आज भी लोग उनकी ही अमेठी मानते है।उन्होंने आगे कहा की वे यात्रा निकाल रहे थे तो उनको यह यात्रा अमेठी से निकालनी थी।अमेठी से मान लीजिए वे यात्रा ना ही निकलते तो अमेठी से यह यात्रा हो कर जानी चाहिए थी।यह अमेठी के लिए बहुत खुशी की बात रहती अमेठी से यह यात्रा जाती तो पूरे देश के लिए अच्छा संदेश होता।
डॉ. पांडेय आगे कहते है कि आज जरूरत इस बात है की यदि वे आगे बढ़ना चाहते है या देश को आगे ले जाना चाहते है तो अमेठी के बिना साथ लिए आगे नहीं बढ़ सकते है।एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की कार्य कर्ताओं में बहुत आलस दिखाई देता है।जबकि आम जन मानस में ऐसा नहीं है।आगे उन्होंने कहा कि अमेठी वा राय बरेली से ही गांधी परिवार की परिवार की पहचान है।अमेठी वा राय बरेली को नजर अंदाज कर वे आगे नहीं बढ़ सकते है।