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Nakul Dubey: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का बड़ा दांव, पूर्व मंत्री नकुल दुबे हुए शामिल, कई और नेता जल्द थामेंगे हाथ
Nakul Dubey: ब्राह्मणों के प्रमुख चेहरे के तौर पर जाने जाने वाले नकुल दुबे ने भाईचारा कमेटियों का संयोजन कर मायावती को सत्ता दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
Nakul Dubey: बसपा के कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री नकुल दुबे (Former BSP minister Nakul Dubey) आज दिल्ली में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) का दामन थाम लिया। यूपी विधानसभा चुनाव (UP assembly elections) के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती (BSP supremo Mayawati) ने नकुल दुबे (Nakul Dubey) को पार्टी से बाहर निकाल दिया था। जिसके बाद आज उन्होंने यूपी प्रभारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Congress general secretary Priyanka Gandhi) से मुलाकात के बाद कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर लिया।
उन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला (Former Union Minister Rajiv Shukla) ने पार्टी में शामिल कराया। नकुल दुबे के आने से कांग्रेस को मजबूती की उम्मीद है क्योंकि वह एक ब्राह्मण नेता हैं और लंबे समय से यूपी की राजनीति में सक्रिय है 2024 के चुनाव से पहले कांग्रेस ने अब उन पर बड़ा दांव लगाया है और उन्हें अहम जिम्मेदारी भी मिल सकती है।
यूपी की सियासत में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जानें जाते हैं नकुल दुबे
बता दें नकुल दुबे यूपी की सियासत में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं, जिसके सहारे बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2007 में ब्राह्मण- दलित गठजोड़ के चलते सत्ता में काबिज हुई थीं। पेशे से अधिवक्ता नकुल दुबे की उत्तरप्रदेश के प्रबुद्ध जनों के बीच गहरी पैठ है। कुछ दिनों पहले नकुल दुबे ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से दिल्ली में मुलाक़ात की थी। प्रियंका गांधी से मुलाक़ात के बाद आज नकुल दुबे ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया।
सपा और बसपा के कई बड़े नेता जल्द ही कांग्रेस में
ब्राह्मणों के प्रमुख चेहरे के तौर पर जाने जाने वाले नकुल दुबे ने भाईचारा कमेटियों का संयोजन कर मायावती को सत्ता दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक नकुल दुबे के बाद जल्द यूपी की सियासत के कई अहम नाम कांग्रेस का दामन थामने जा रहे हैं। खबर यह भी है कि सपा और बसपा के कई बड़े नेता जल्द ही कांग्रेस के झंडे के नीचे नज़र आएंगे। सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीधी टक्कर अब कांग्रेस से है इसलिए कई दिग्गज अब हाथ का साथ थामने के लिए तैयार हैं।
मायावती के सबसे भरोसेमंद सिपहसालार थे नकुल दुबे
बता दें नकुल दुबे मायावती के सबसे भरोसेमंद सिपहसालार सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) के सबसे करीबी नेताओं में से एक थे लेकिन चुनाव के बाद मायावती ने उन्हें जिस तरह से अपनी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया उससे साफ जाहिर था नकुल दुबे जल्द ही किसी अन्य पार्टी में अपनी नई सियासी पारी शुरू करेंगे। अब वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान उत्तर प्रदेश में अहम जिम्मेदारी सौंप सकता है। क्योंकि वह बड़े ब्राम्हण नेता हैं और यूपी की राजनीति में काफी सक्रिय रहे हैं। उनकी अपनी एक अलग छवि है इसे कांग्रेस जरूर बनाना चाहेगी।