TRENDING TAGS :
राजभवन पहुंचे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलीं राज्यपाल, अजय कुमार लल्लू ने बोला तीखा हमला
कोरोना की वैक्सीन को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासत तेज हो गई हैं।
Congress Delegation: कोरोना की वैक्सीन को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासत तेज हो गई हैं। प्रदेश की योगी सरकार जहां वैक्सीनेशन को लेकर महाअभियान चला रही है वहीं विपक्षी पार्टियां वैक्सीनेशन में रजिस्ट्रेशन आदि की समस्याओं को लेकर सरकार को घेरने में लगा हुआ है। वैक्सीनेशन में व्यप्त खामियों को लेकर कांग्रेस का एम प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचा था। लेकिन राज्यपाल आनंदी बेन ने सिी कारण वश मिलने का समय निरस्त कर दिया, जिससे कांग्रेस के पदाधिकारियों में निराशा के साथ–साथ गुस्सा भी देखा जा रहा है।
राज्यपाल के न मिलने पर आक्रोश जाहिर करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि लोकतांत्रिक ढांचे के लिए आज काला दिन है। कांग्रेस पार्टी को राज्यपाल से मिलने का समय देकर उसे निरस्त कर दिया गया। हम वैक्सिनेशन के मुद्दे पर उप्र की वेदना से राज्यपाल को अवगत कराना चाहते थे, लेकिन उनके पास वक्त नहीं। राज्यपाल से मिलने पहुंचे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पीएल पुनिया, दीपक सिंह और नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित अन्य लोग शामिल थे।
लोकतांत्रिक ढांचे के लिए आज काला दिन है। कांग्रेस पार्टी को राज्यपाल से मिलने का समय देकर उसे निरस्त कर दिया गया।
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) June 4, 2021
हम वैक्सिनेशन के मुद्दे पर उप्र की वेदना से राज्यपाल को अवगत कराना चाहते थे लेकिन उनके पास वक्त नहीं। pic.twitter.com/V6BN4qHUF3
राजभवन से लौटने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रेस कांफ्रेंस कर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में सरकारी सेवाओं से वंचित लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। ऑनलाइन कोरोना वेक्सीन का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। लेकिन गांव में शिक्षा का अभाव और खराब बिजली व्यवस्था, इंटरनेट के चलते लोग को रजिस्ट्रेशन कराने में दिक्कत आ रही है। साथ ही उन्होंने पहली और दूसरी डोज को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि दोनों डोज के बीच 84 दिनों का लंबा गैप ठीक नहीं है। उन्होंने कहा वैक्सिनेशन के मुद्दे पर उप्र की राज्यपाल को अवगत कराने उनके आवास हम लोग गए थे, जहां कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को राज्यपाल से मिलन नहीं दिया गया।