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कांग्रेस का 'मिशन 2022' का सपना कैसे होगा साकार, जितिन के बाद कई और नेता नाराज!

कांग्रेस पार्टी इस वक्त अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। पार्टी के तमाम नेता कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके हैं, ऐसे में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए कुछ खास रणनीति बनानी होगी

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 11 Jun 2021 10:10 AM GMT (Updated on: 11 Jun 2021 10:16 AM GMT)
कांग्रेस का ‘मिशन 2022’ का सपना कैसे होगा साकार, जितिन के बाद कई और नेता तैयार!
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राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, फाइल फोटो, साभार- सोशल मीडिया

कांग्रेस पार्टी इस वक्त अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। पार्टी के तमाम नेता कांग्रेस (Congress Party) का हाथ छोड़ चुके हैं और सबसे ताजा नाम यूपी से जितिन प्रसाद (Jitin Prasads) का है। जितिन प्रसाद इसी हफ्ते कांग्रेस छोड़कर बीजेपी (BJP) में शामिल हुए हैं। ऐसे में 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) के लिए कांग्रेस पार्टी को कुछ खास रणनीति बनानी होगी कि उनकी पार्टी में नए नेता आ नहीं रहे हैं जो बचे हैं वह भी एक-एक कर साथ छोड़कर चले जा रहे हैं। ऐसे यूपी में कैसे कांग्रेस की नैया पार होगी।

उत्तर प्रदेश की बागडोर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी संभाल रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर भी वही रणनीति तैयार कर रही हैं, लेकिन उनके सामने 2022 के चुनाव से पहले कील-कांटे दुरुस्त करने के साथ पार्टी में बड़े नेताओं को रोके के रखने की बड़ी चुनौती है। क्योंकि एक एक कर बड़े नेता पार्टी से रुखसत होते जा रहे हैं।

2017 के विधानसभा चुनाव से लेकर अबतक देखा जाए तो कई दिग्गज पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं। चर्चा है कि अगर आलाकमान ने दखल नहीं दिया तो और भी कई नेता पार्टी छोड़ने को तैयार बैठे हैं। अभी सबसे नया नाम तो जितिन प्रसाद का है। जिन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर सालों पुराना कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है। जितिन प्रसाद जी-23 का हिस्सा थे और शीर्ष नेतृत्व को चिट्ठी लिखने के बाद से साइडलाइन किए गए थे। राजबब्बर और आरपीएन सिंह भी जी-23 का हिस्सा रहे और इन तीनों ही नेताओं को पिछले वर्ष बनी कमेटियों में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई तो वह दिन दूर नहीं जब ये नेता किसी दूसरे दल में शामिल हो सकते हैं।

पार्टी के दो विधायक नाराज

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह पार्टी से नाराज चल रही हैं। उनकी बीजेपी से नजदीकियां भी बढ़ी हैं और कई मौकों पर उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्नाथ की तारीफ भी कर चुकी हैं। उनका कहना है कि पार्टी को सोचने की जरुरत है कि एक-एक कर नेता क्यों दूर होते चले जा रहे हैं। अदिति सिंह ने जितिन प्रसाद केपार्टी छोड़ने पर कहा था कि वह एक बड़े और साफ सुथरी छवि के नेता थे उनका जाना बड़ा नुकसान है। पार्टी में लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है। शीर्ष नेतृत्व के जो सलाहकार हैं, वो पार्टी के लोगों की बात उन तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। पार्टी में बहुत ज्यादा मंथन की जरूरत है। हालांकि बागी विधायक अदिति सिंह और हरचंदपुर के विधायक राकेश सिंह की सदस्यता खत्म करने के लिए कांग्रेस हाईकोर्ट में मुकदमा लड़ रही है।

यूपी के इन नेताओं ने छोड़ी पार्टी

जितिन प्रसाद- 2021

उन्नाव से पूर्व सांसद अन्नू टण्डन-2020

अमेठी के राजा संजय सिंह उनकी पत्नी पूर्व मंत्री अमिता सिंह- 2019

प्रतापगढ़ की राज कुमारी रत्ना सिंह-2019

प्रदेश के पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री डॉ. अम्मार रिजवी- 2019

रायबरेली से एमएलसी- दिनेश सिंह- 2018

प्रयागराज से बीजेपी सांसद-रीता बहुगुणा जोशी-2016

Rahul Singh Rajpoot

Rahul Singh Rajpoot

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