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कांग्रेस नेता का खुलासा- स्टे के बावजूद आजम के दबाव में गिराए गए घर
रामपुर: जिला रामपुर की डूंगरपुर बस्ती को लेकर हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद कैबिनेट मंत्री आजम खां ने डीएम पर दबाव बनाया। हाईकोर्ट में उचित पैरवी कर डूंगरपुर स्टे खारिज कराने के लिए डीएम को आदेश दिया गया। संबंधित अफसरों ने पांच दिन बाद करीब तीस घरों को जमींदोज कर दिया। यह दावा कांग्रेस नेता फैसल लाला ने किया है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और राज्यपाल से शिकायत करने वाले फैसल ने आजम खान का वह लेटर भी जारी किया है।
-कांग्रेस नेता फैसल लाला ने कहा कि लेटर में साफ लिखा गया है कि स्टे को खारिज कराने के लिए उचित कार्रवाई की जाए।
-लेकिन बिना स्टे खारिज कराए जिला प्रशासन ने जबरदस्ती ठीक पांच दिन बाद यानी 3 फरवरी 2016 को करीब 30 घरों को जमींदोज कर दिया।
-अपना निजी स्कूल बनाने के लिए एक और बस्ती यतीम खाना यानी सराये गेट को उजाड़ा जा रहा है।
क्या है मामला?
-जिला रामपुर में आजम खां के घर और पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर बस्ती है।
-यहां आसरा आवासीय योजना के तहत एक हजार आवास बनाए जाने हैं।
-योजना के आसपास डूंगरपुर के करीब तीस मकान अवैध बताकर जिला प्रशासन तोड़ना चाहता था।
-बस्ती के निवासियों ने हाई कोर्ट में गुहार लगाई। इसके बाद इस पर स्टे लग गया।
राज्यपाल ने की थी कार्रवाई की सिफारिश
-इसपर कांग्रेस नेता पीड़ित परिवारों को लेकर राजभवन पहुंचे और नगर विकास मंत्री की शिकायत की।
-इस पर संज्ञान लेते हुए राज्यपाल राम नाईक ने सीएम अखिलेश यादव को उचित कार्रवाई करने के लिए लेटर लिखा।
-वहीं कांग्रेसी नेता ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में भी आजम खां की शिकायत की थी।
-आयोग ने उप्र सरकार के मुख्य सचिव को 21 दिन में रिपोर्ट फाइल करने के आदेश दिए।
क्या लिखा है लेटर में?
-27 जनवरी 2016 को कैबिनेट मंत्री आजम खां ने डीएम राकेश कुमार सिंह को एक लेटर लिखा।
-इसमें कहा गया कि कुछ भू माफियाओं ने सरकारी मशीनरी के साथ मिलीभगत कर फर्जी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर हाईकोर्ट से स्टे ले लिया है।
-इसमें गरीबों के हित में बनने वाले आवासों के निर्माण पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
-सरकारी की प्रथमिकता है कि गरीबों के हित की सभी योजनाओं को समय रहते पूरा कराया जाए।
-आजम खां ने लिखा है-अब यह आपका दायित्व है कि जनहित की इन योजनाओं में उत्पन्न बाधाओं को प्रभावी पैरवी कर समाप्त कराया जाए।
-साथ ही डूंगरपुर में भू माफियाओं व उनके साथ सरकारी मशीनरी की मिलीभगत की भी जांच कराई जाए और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाए।
आजम खान ने डीएम को लिखा था लेटर