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यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, राहुल गांधी के करीबी जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल
उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं और बीजेपी अपनी तैयारियों में जुट गई है। वहीं कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राहुल गांधी के बेहद करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है।
उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं और बीजेपी अपनी तैयारियों में जुट गई है। वहीं कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राहुल गांधी के बेहद करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। बीजेपी में शामिल होने से पहले जितिन प्रसाद ने गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। उसके बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनिल बलूनी ने उन्हें पार्टी मुख्यालय पर बीजेपी की सदस्यता दिलाई।
यूपी में कांग्रेस के बड़े ब्राहम्ण चेहरों में से एक जितिन प्रसाद पिछले कई दिनों से पार्टी हाईकमान से नाराज थे। वह कांग्रेस में तवज्जो न मिलने और यूपी कांग्रेस के कुछ नेताओं से अपनी नाराजगी जाहिर भी कर चुके हैं। जितिन प्रसाद की शिकायत को पार्टी हाईकमान ने नजरअंदाज किया। यही वजह है कि वह दिल्ली में पियूष गोयल और अनिल बलूनी की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम लिया।
यूपी कांग्रेस में नहीं मिला रहा था तवज्जो
जितिन प्रसाद की नाराजगी का सबसे बड़ा कारण ये बताया जा रहा है कि जब से उत्तर प्रदेश की कमान प्रियंका गांधी ने संभाली है और प्रियंका ने अजय सिंह लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। तभी से जितिन प्रसाद साइडलाइन हो गए थे। उन्हें कांग्रेस की समितियों में भी नहीं रखा गया था। पार्टी में खास तवज्जों नहीं मिलने से वह नाराज थे। कई बार खुले मंच पर वह अपनी नाराजगी जाहिर भी कर चुके हैं। लेकिन उनकी नाराजगी को कांग्रेस आलाकमान ने दूर करने की कोई कोशिश नहीं की। लिहाजा ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह कांग्रेस ने यूपी में इस ब्राहम्ण नेता को पार्टी से खो दिया।
ब्राहम्णों को रिझाने की कोशिश
यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले बीजेपी अपने सभी सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में जुट गई है। क्योंकि बीजेपी की नजर हर तबके पर रहती है और अंदरखाने से खबर है कि बीजेपी से ब्राह्मणों का एक बड़ा तबका नाराज है। यह नाराजगी खासतौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से है। ऐसे में बीजेपी, जितिन प्रसाद को शामिल कराकर ब्राह्मणों के बीच बड़ा संदेश देना चाहती है।
कौन हैं जितिन प्रसाद?
जितिन प्रसाद के पिता जितेन्द्र प्रसाद, कांग्रेस के पुराने दिग्गज नेता रहे हैं। एक जमाने में जितेंद्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार रह चुके हैं। जितेंद्र कांग्रेस पार्टी में उपाध्यक्ष पद पर भी रहे हैं। जीतेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन प्रसाद उन युवा कांग्रेस नेताओं में शुमार थे जो राहुल गांधी के बेहद करीब माने जाते थे। यही वजह है कि यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल में वह केंद्रीय मंत्री भी रहे।
जितिन प्रसाद का राजनीतिक सफर
जितिन प्रसाद ने दिल्ली विश्विद्यालय से बीकॉम किया है जिसके बाद उन्होंने एमबीए भी किया। उसके बाद 2001 में भारतीय युवा कांग्रेस में सचिव पद की जिम्मेदारी संभाली। 2004 के लोकसभा चुनाव में वो अपनी पारंपरिक सीट शाहजहांपुर से चुनाव लड़े और जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2008 में जितिन को केंद्रीय राज्य इस्पात मंत्री बनाया गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में जितिन प्रसाद, धौरहरा सीट से लड़े और करीब दो लाख वोटों से जीत हासिल की। 2009 से 2011 तक वो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री रहे। 2011-12 में उन्होंने पेट्रोलियम मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली। 2012-14 तक जितिन, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री भी रहे।