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प्रमोद तिवारी ने सरकार पर साधा निशाना, कोरोना पर दिया ये बड़ा बयान
कांग्रेस नेता का कहना है कि लोगों को अस्पताल में इलाज नहीं मिल पा रहा है। श्मशान और कब्रिस्तान लोगों की भीड़ से पट गए हैं।
लखनऊ : यूपी में कोरोना( Corona) का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। यूपी में बीते 24 घंटे में कोरोना के 35 हजार 614 नए केस आए हैं, जबकि कोरोना के चलते 208 लोगों की मौत हुई। लखनऊ(Lucknow)h में कोरोना के सबसे ज्यादा 5187 नए मरीज मिले हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ( MP Pramod Tiwari) ने देश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए सरकार(Goverment) पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा है कि सरकार ने बिना सोचे समझे बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन और वैक्सीन दूसरे देशों को निर्यात कर दिया, जिसकी वजह से देश में हाहाकार मच गया है। प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया है सरकार की लापरवाही के चलते हालात इतने खराब हुए हैं।
प्रमोद तिवारी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश और देश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन है, लेकिन सच ये है कि कोरोना के इस काल में लोग महामारी के बीच ऑक्सीजन की कमी के कारण जान गंवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार चाहें जो करें उनके साथ, जमीन जब्त कर लें या चार्ज लगा दें, लेकिन परिस्थिति की गंभीरता को पहचानें और लोगों के इलाज में मदद करें।
सरकार फेल नजर आ रही
कांग्रेस नेता का कहना है कि लोगों को अस्पताल में इलाज नहीं मिल पा रहा है। श्मशान और कब्रिस्तान लोगों की भीड़ से पट गए हैं। 14 महीने का वक्त मिलने के बावजूद सरकार ने संसाधन बढ़ाने की कोई कोशिश नहीं की। सरकार का पूरा फोकस बिहार, बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में चुनाव कराने पर था। बंगाल में भी हालात अब बदतर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड के पर्याप्त इंतजाम करें। वैक्सीनेशन की संख्या बढ़ाए। लोगों को जरूरी दवाएं और इंजेक्शन मुहैया कराए। सरकार सभी मामलों में फेल नजर आ रही है और लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।
बेकाबू हैं हालात
बता दें कि, उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे है। बीते 24 घंटों में कोरोना के 35 हजार 614 नए केस सामने आए हैं। इस समय 3 लाख 54 हजार एक्टिव केस हैं और अब तक राज्य में 2800 लोगों की मौत हो चुकी है।
इधर योगी सरकार ने कहा है कि कोविड मरीजों का इलाज सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में सरकारी खर्च पर होगा।