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कांग्रेस बोली मुलायम ने खोया मानसिक संतुलन, BJP ने कहा पद के साथ धोखा
कांग्रेस के पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा है कि मुलायम सिंह अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। वह कब क्या बोल दें, कुछ पता नहीं। त्रिपाठी ने सवाल उठाया कि वह आज तक इस मुद्दे पर चुप क्यों बैठे रहे। दूसरी तरफ, भाजपा के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने मुलायम सिंह के बयान को शपथ लेकर मंत्री पद के साथ धोखा करार दिया है।
लखनऊ: मुलायम सिंह के बोफोर्स बयान पर राजनीतिक हलकों और यहां तक कि खुद उनकी पार्टी में भी हड़कंप है। बचाव की मुद्रा में आई कांग्रेस ने इसे अर्थहीन बयान बताया है, तो भाजपा ने उनके बयान को रक्षा मंत्री के पद के साथ धोखा करार दिया है। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि 'जब मैं रक्षा मंत्री था तो बोफोर्स तोप की फाइल गायब करा दी थी।'
पता नहीं कब क्या बोल दें मुलायम
-कांग्रेस के पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा है कि मुलायम सिंह अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।
-त्रिपाठी ने कहा कि सपा मुखिया कब क्या बोल दें, कुछ पता नहीं।
-त्रिपाठी ने सवाल उठाया कि वह आज तक इस मुद्दे पर चुप क्यों बैठे रहे, और चुनाव के समय यह बोलने का मतलब क्या है?
मंत्री पद के साथ धोखा
-भाजपा के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने मुलायम सिंह के बयान को मंत्री पद के साथ धोखा करार दिया है।
-पाठक ने कहा कि यह गंभीर मामला है। मंत्री का काम जांच को निर्णायक बिदु तक ले जाना होता है, और मुलायम ने यह फाइल दबवा दी।
-मंत्री बनते समय जो शपथ ली जाती है, यह कृत्य उसके साथ धोखा है।
मुलायम ने दिया था बयान
-मुलायम सिंह ने बुधवार को डा. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के 10वें स्थापना दिवस समारोह में यह विवादास्पद बयान दिया था।
-उन्होंने पूर्व पीएम राजीव गांधी का बचाव करते हुए कहा कि राजनीतिक लोगों पर बदले की भावना से कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
-सियासी लोगों पर मुकदमे नहीं चलने चाहिए। वे लोग जेल जाएंगे तो राजनीति कैसे होगी?
-इसी दौरान सपा मुखिया ने खुलासे के अंदाज में यह भी कहा कि, 'जब मैं रक्षा मंत्री था तो बोफोर्स तोप की फाइल गायब करा दी थी।'
क्या है बोफोर्स घोटाला?
-बोफोर्स तोपों की खरीद में दलाली का आरोप था।
-स्वीडन रेडियो ने इसका खुलासा किया था।
-कहा था कि बोफोर्स कंपनी ने सौदा हासिल करने के लिए नेताओं और अधिकारियों को रिश्वत दी थी।
-इस घोटाले के खुलासे ने भारतीय राजनीति में खलबली मचा दी थी।
-1990 में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।