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Congress Party In UP: पिछले 7 सालों में सबसे ज्यादा नेताओं ने छोड़ा कांग्रेस का साथ, क्या यूपी में प्रियंका कर पाएंगी कोई चमत्कार?

पिछले सात सालों का रिकॉर्ड खंगालें तो कांग्रेस के लिए सबसे बुरी खबर है। इस बार का यूपी विधान सभा चुनाव गांधी परिवार के लिए नाक का भी सवाल है। क्योंकि प्रियंका गांधी यूपी में कांग्रेस की सेनापति हैं।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 10 Sept 2021 10:13 PM IST (Updated on: 11 Sept 2021 10:04 AM IST)
In the last 7 years, most leaders left the Congress, will Priyanka be able to do any miracle in UP?
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लखनऊ: कांग्रेस पार्टी के नेताओं के साथ बैठक में प्रियंका गांधी

Congress Party In UP: इस बार का यूपी विधान सभा चुनाव गांधी परिवार के लिए नाक का भी सवाल है, क्योंकि प्रियंका गांधी यूपी में कांग्रेस की सेनापति हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने का दावा कर रही कांग्रेस पार्टी के लिए 'करो या मरो' जैसी हालत हैं, क्योंकि उनके पास चंद बड़े नेता बचे हैं। दिल्ली की सियासत से लेकर यूपी तक कांग्रेस की डूबती नैय्या से एक के बाद एक नेता उतरते गए। यूपी में हालत ऐसी हो गई है कि अब गिने चुने नेता ही रह गए हैं। जिनके सहारे प्रियंका मिशन 2022 को फतह करने निकल पड़ी हैं और उनकी राह कांटों भरी है।

सबसे ज्यादा नेताओं ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी

अगर आप पिछले सात सालों का रिकॉर्ड खंगाले तो कांग्रेस के लिए सबसे बुरी खबर हैं। देश में इस वक्त कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि यहां नेताओं को अपना भविष्य अंधकार में दिख रहा है। यही वजह है कि पिछले 7 सालों में कांग्रेस पार्टी के सबसे ज्यादा नेता अपनी पार्टी छोड़कर किसी और दल में शामिल हो गए। 7 सालों में जिन नेताओं ने पार्टी छोड़ी है उसमें सांसद, पूर्व सांसद और पूर्व विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा है। ये नेता या तो चुनाव हारने के बाद पाला बदल लिए या फिर चुनाव से पहले हार के डर से हाथ का साथ छोड़कर दूसरे दल का दामन थाम लिए हैं। ऐसा ही हाल यूपी में भी हुआ है। यहां बुजुर्ग पीढ़ी जगदम्बिका पाल, रीता बहुगुणा जोशी से लेकर युवा पीढ़ी जितिन प्रसाद तक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक

एडीआर की रिपोर्ट क्या कहती है?

चुनाव सुधार पर काम करने वाले नेशनल इलेक्शन वॉच डॉग एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म एडीआर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार साल 2014 से 2021 के बीच कांग्रेस के 222 उम्मीदवार ने पार्टी छोड़ दी है। ये नेता दूसरी पार्टी में शामिल होकर या तो चुनाव लड़े हैं या उन दलों ने कोई दूसरा पद देकर उनका मान बढ़ाया है। रिपोर्ट के मुताबिक 2014 से 2021 के बीच एक पार्टी छोड़ने वाले अधिकतम 177 पूर्व सांसद, विधायक कांग्रेस के हैं जो कि यह 35 फीसदी के आसपास है।

बड़े नेताओं का भी मोह हुआ भंग

जिन कांग्रेस नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ा है उनके नामों की लिस्ट काफी लंबी है। अगर दिग्गजों की बात करें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर यूपी में जगदंबिका पाल, रीता बहुगुणा जोशी, अनु टंडन, जितिन प्रसाद, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव तक ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है। ये सारे नेता अपनी अनदेखी से नाराज होकर दूसरे दल का रुख कर लिये हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इसके लिए कांग्रेस आलाकमान खुद जिम्मेदार है, जो अपने नेताओं को सहेज कर रखने में नाकाम साबित हो रही है। कांग्रेस में नेताओं से वार्तालाप का लंबा गैप हो गया है, जिससे उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं है, वह इस वजह से भी पार्टी छोड़कर जा रहे हैं।

यूपी में ऐसे कैसे करेगा पंजा कमाल?

यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी भले ही नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए लगातार दौरे और बैठकें कर रही हों । लेकिन चंद नेताओं और कमजोर संगठन के सहारे वह यूपी का किला कैसे फतह कर पाएंगी, यह सोचना वाला विषय है। यूपी कांग्रेस में ऐसे नेताओं की भारी कमी है जो भीड़ को एकत्रित कर सकें। इसके लिए उन्हें गांधी परिवार की तरफ ताकना पड़ता है। जो नेता कमाल वाले थे वह सब साथ छोड़कर जा चुके हैं।

चंद नेता ही जिताऊ

अगर बात होगी कि कांग्रेस में कौन नेता अपनी सीट 100 प्रतिशत जीत सकता है तो उसमें सबसे बड़ा नाम प्रतापगढ़ के प्रमोद तिवारी का आएगा। प्रमोद तिवारी अपनी परंपरागत सीट रामपुर खास अपनी बेटी आराधना मिश्रा को सौंप कर दिल्ली की राजनीति करने लगे हैं। प्रमोद तिवारी का जीतने का रिकॉर्ड रहा है। इसके अलावा अजय कुमार लल्लू को भी कहा जा सकता है कि वह अपनी सीट जीत सकते हैं। इसके अलावा कुछ और नेता हैं जिन पर पार्टी को भरोसा हो सकता है कि वह अपनी सीट पर जीत हासिल कर लेंगे।

कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक

रायबरेली, अमेठी भी हाथ से निकला

कांग्रेस के गढ़ रायबरेली और अमेठी की बात करें तो अमेठी में एक भी विधानसभा की सीट ऐसी नहीं है जहां कांग्रेस यह दावा कर सके कि वह उसे जीत सकती है। हां, रायबरेली सदर सीट ऐसी थी जहां कांग्रेस जीतती आई है। लेकिन अखिलेश सिंह के निधन के बाद सदर विधायक अदिति सिंह कांग्रेस से नाराज चल रही हैं । उनकी नजदीकियां बीजेपी से बढ़ गई हैं। ये सीट भी अब कांग्रेस की झोली से जाती दिखाई दे रही है।

मिशन 2022 के लिए प्रियंका का प्लान

9 सितंबर को यूपी के दौरे पर पहुंची प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को नेताओं संग मैराथन बैठक की। इस बैठक में उन्होंने मिशन 2022 को लेकर कई रणनीति तैयार की है। जिसमें कांग्रेस जोन के हिसाब से चुनावी अभियान और कार्यक्रमों को शुरू करेगी। कांग्रेस सलाहकार समिति और रणनीति कमेटी ने पूरे उप्र में यात्रा निकालने का फैसला किया है।

12000 किमी की होगी यात्रा

यूपी कांग्रेस प्रदेश में 'कांग्रेस प्रतिज्ञा यात्रा' निकालेगी। यह प्रतिज्ञा यात्रा 12000 किलोमीटर चलेगी । यह सभी कस्बों और बड़े गांवों से होकर गुजरेगी। इसके साथ ही तय हुआ है कि दिवाली से पहले प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया जाएगा।



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Shashi kant gautam

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