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यूपी में दिखने लगा है प्रियंका की सक्रियता का असर

अपने टिव्टर एकाउंट से जहां प्रियंका गांधी यूपी की हर छोटी-बड़ी घटना पर योगी सरकार को घेर रही है तो वहीं पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी यूपी पावर कार्पोरेशन में हुए पीएफ घोटाले को लेकर प्रदेश सरकार पर हमलावर है।

SK Gautam
Published on: 19 Nov 2019 4:26 PM IST
यूपी में दिखने लगा है प्रियंका की सक्रियता का असर
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: प्रियंका गांधी के यूपी में सक्रिय हो जाने से उत्तर प्रदेश में अपने पुराने सियासी रसूख को हासिल करने के लिए छटपटा रही कांग्रेस नेताओं का मनोबल भी बढ़ता दिख रहा है। अपने टिव्टर एकाउंट से जहां प्रियंका गांधी यूपी की हर छोटी-बड़ी घटना पर योगी सरकार को घेर रही है तो वहीं पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी यूपी पावर कार्पोरेशन में हुए पीएफ घोटाले को लेकर प्रदेश सरकार पर हमलावर है। इतना ही नहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद योजनाबद्ध तरीके से भाजपा के ब्राह्मण वोट बैंक में सेंधमारी करने में जुट गये है।

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जितिन का मंगलवार को मैनपुरी से ब्राह्मण चेतना यात्रा शुरू

जितिन ने मंगलवार को मैनपुरी से ब्राह्मण चेतना यात्रा शुरू कर दी है। मैनपुरी के सुभाष चंद्र पांडेय के आवास पहुंच कर जितिन ने उनको सांत्वना दी। सुभाष पांडेय की 16 वर्षीय पुत्री की बीती 16 सितम्बर को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी। इस यात्रा के दौरान जितिन प्रदेश के उन सभी ब्राह्मणों के घर जायेंगे, जिनके परिवार के सदस्यों की योगी सरकार के कार्यकाल में हत्या कर दी गयी है।

अपनी ब्राम्हण चेतना यात्रा के दौरान जितिन बस्ती में छात्रनेता आदित्य तिवारी के परिजनों से मिलेंगे तो झांसी में उस उदैनिया परिवार से भी मिलेंगे जिनके परिवार के चार सदस्यों को बीते अक्टूबर माह में जलाकर मार दिया गया था। इसके अलावा लखनऊ में हिन्दुवादी नेता कमलेश तिवारी, मेरठ में अधिवक्ता मुकेश शर्मा, कन्नौज में अमन मिश्रा, लखीमपुर खीरी में पत्रकार रमेश मिश्रा और अमेठी में सत्य नारायण शुक्ला के परिजनों से मिलेंगे। जितिन इस दौरान जहां पीड़ित परिजनों को सहानुभूति देंगे तो वहीं वह कानून-व्यवस्था समेत अन्य कई मुददों पर योगी सरकार को घेरेंगे।

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पार्टी यूपी में अपनी पुरानी सियासी हैसियत को नहीं पा सकेगी

इस बीच यूपी में मिशन 2022 में पार्टी को एक बेहतर स्थिति में लाने के लिए पार्टी ने संगठन के पेंच कसने भी शुरू कर दिए है। पार्टी संगठन की नई टीम को पूरी तरह से मिशन मोड़ में काम करने का निर्देश दिया जा चुका है। भाजपा की तरह ही पार्टी ने बूथ स्तर से आगे बढ़ कर माइक्रो बूथ स्तर पर कार्यकर्ता तैयार करने की मुहिम भी शुरू कर दी हैं।

दरअसल, अभी हाल ही में हुए उपचुनाव में कांग्रेस को भले ही किसी भी विधानसभा सीट पर जीत न हासिल हुई हो लेकिन पार्टी को यह नसीहत जरूर मिल गयी कि बिना सक्रियता और मजबूत संगठन के पार्टी यूपी में अपनी पुरानी सियासी हैसियत को नहीं पा सकेगी।

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इसके साथ ही पार्टी के रणनीतिकारों का यह भी मानना है कि घारा-370 हटाये जाने और अयोध्या फैसले से प्रदेश के मुस्लिम वोट बैंक में बहुत अधिक बेचैनी है। उपचुनाव में भले ही यह वोट बैंक समाजवादी पार्टी के पाले में गया हो लेकिन यह वोट बैंक राष्ट्रीय स्तर पर मौजूदगी रखने वाली भाजपा विरोधी पार्टी का विकल्प तलाश रहा है। पार्टी का मानना है कि यूपी में अगर कांग्रेस मजबूत दिखाई देगी तो यह मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस की ओर मुड़ सकता है।

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