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Congress poll debacle: भंवर जितेंद्र सिंह करेंगे UP चुनाव में हार की समीक्षा, सोनिया को सौंपेंगे रिपोर्ट
Congress poll debacle: पंजाब और उत्तराखंड में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर दिया गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में अध्यक्ष की कुर्सी अभी खाली है।
Congress poll debacle: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) में हार की समीक्षा के लिए अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की तरफ से एक कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी के नेता 15 अप्रैल को प्रदेश कार्यालय लखनऊ में बैठक (Meeting in Lucknow) करेंगे और अपनी रिपोर्ट तैयार कर कांग्रेस (Congress) आलाकमान को सौंपेंगे। जिसके बाद सोनिया गांधी उत्तर प्रदेश संगठन में बड़ा बदलाव कर सकती हैं। क्योंकि चुनाव में हार के बाद सभी पांचों राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा मांग लिया गया था।
पंजाब और उत्तराखंड में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर दिया गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में अध्यक्ष की कुर्सी अभी खाली है। उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था। वह भी ओबीसी समाज आते हैं, अजय लल्लू काफी जुझारू नेता माने जाते हैं लेकिन दो बार लगातार विधानसभा का चुनाव जीतने वाले अजय कुमार लल्लू भी इस बार चुनाव हार गए और पार्टी पूरी तरह से पराजित हुई।
सोनिया गांधी ने हार की समीक्षा करने के लिए भंवर जितेंद्र सिंह (Bhanwar Jitendra Singh) को जिम्मेदारी सौंपी है। भंवर जितेंद्र सिंह यूपी विधानसभा चुनाव में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भी थे। 15 अप्रैल को वह लखनऊ में प्रदेश कार्यालय पर पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे। नेताओं से चर्चा करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार करेंगे और वह 20 अप्रैल को इसे सोनिया गांधी को सौंपेंगे। दिल्ली में 20 अप्रैल को नेताओं की एक बड़ी बैठक भी हो सकती है। लखनऊ में बैठक करने के बाद कुंवर भंवर जीतेंद्र सिंह वाराणसी भी जाएंगे। पूर्वांचल के नेताओं से मिलेंगे और वहां की भी एक रिपोर्ट तैयार कर सोनिया गांधी को सौंपेंगे।
कहा जा रहा है सोनिया गांधी द्वारा गठित कमेटी के सदस्य जब अपनी रिपोर्ट उन्हें सौपेंगे उसके बाद इसकी समीक्षा होगी फिर नए अध्यक्ष से लेकर संगठन के पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। क्योंकि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस बुरे दौर में है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कैसे उत्तर प्रदेश में कैसे पार्टी और संगठन को पूरी तरह से मजबूत किया जाए इसको लेकर मंथन चल रहा है। क्योंकि अगर कांग्रेस को केंद्र में दोबारा वापसी पाना है तो उत्तर प्रदेश में उसे पहले खुद को मजबूत करना होगा। यूपी में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतनी होगी तभी वह केंद्र की कुर्सी पर काबिज हो सकती है।
2022 के चुनाव सिर्फ 2 विधायक जीते
कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा। प्रियंका गांधी की कड़ी मेहनत, लाख कोशिशों के बावजूद उनकी पार्टी कोई करिश्मा नहीं पाई। उनके 2017 के मुकाबले भी विधायक घट गए । 2017 के चुनाव में जहां समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर उनके सात विधायक जीते थे वहीं इस बार 403 सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस पार्टी के सिर्फ दो विधायक ही जीत सके। जिनमें प्रतापगढ़ की रामपुर सीट और महाराजगंज से एक विधायक जीत कर आया है।