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फ्रीडम एट मिडनाइट के बहाने कांग्रेस का सावरकर कार्ड

Mayank Sharma
Published on: 3 Jan 2020 3:52 PM GMT
फ्रीडम एट मिडनाइट के बहाने कांग्रेस का सावरकर कार्ड
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मुंबई, 3 जनवरी। कांग्रेस द्वारा खेले गए सावरकर कार्ड से महाराष्ट्र की राजनीति आज पुनः गरमा गई है। भोपाल में कांग्रेस सेवादल द्वारा जारी एक बुकलेट को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आज विनायक दामोदर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने महाराष्ट्र विधानसभा आकर मीडिया से मुखातिब हुए और अपना विरोध दर्ज किया। दरससल रणजीत शिवसेना प्रमुख एवं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी आज मिलना चाह रहे थे। लेकिन मुख्यमंत्री के पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों की वजह से उनकी यह मुलाकात संभव आज न हो सकी।

वीर सावरकर पर कांग्रेस सेवादल द्वारा जारी विवादित बुकलेट

भोपाल में कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में वीर सावरकर पर लिखी गयी एक बुकलेट बाँटी गई थी। इस बुकलेट की सामग्री को लेकर रणजीत सावरकर अपना विरोध दर्ज किया। इसके पूर्व राहुल गाँधी द्वारा रामलीला मैदान में दिए गए भाषण में वीर सावरकर के सन्दर्भ में नकारात्मक जिक्र का भी उन्होंने पुरजोर विरोध किया।

रणजीत सावरकर ने महाराष्ट्र विधान सभा परिसर में Newstrack से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस सेवादल द्वारा बाँटी गई इस बुकलेट के कई अंश विवादस्पद हैं। अंग्रेजों के साथ वीर सावरकर के संबंध और देश के विभाजन में उनकी भूमिका का आरोप निराधार एवं निंदनीय है।

फ्रीडम एट मिडनाइट से उद्धरण

भोपाल में वितरित इस बुकलेट में लैरी कॉलिन्स एवं डोमिनिक लैपिएरे की पुस्तक "फ्रीडम एट मिडनाइट" को उद्द्घृत किया गया है। उक्त पुस्तक के पृष्ठ 423 को उद्द्घृत करते हुए वीर सावरकर पर समलैंगिकता के आरोप लगाए हैं।

रणजीत सावरकर ने कहा कि रणजीत सावरकर ने कहा 1000 पृष्ठों से अधिक की इस किताब में से कांग्रेस 3-4 वाक्य लेकर उन्हें अपने फायदे के मुताबिक उनकी व्याख्या कर रही है। उन्होंने इस सन्दर्भ में महाराष्ट्र सरकार द्वारा कांग्रेस सेवादल, मध्य प्रदेश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का निवेदन किया है। उन्होंने आईपीसी की धारा 120 एवं 500 (3), (4), (5), (6) के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करने का सरकार से निवेदन किया है।

रणजीत सावरकर की बात

रणजीत सावरकर ने Newstrack से बात करते हुए कहा कांग्रेस अपनी खो चुकी जमीन को वापस पाने के लिए इस हद्द तक गिर सकती है, ऐसा हमने कभी नहीं सोचा था। वीर सावरकर पर लगाए गए सभी आरोप झूठे एवं निराधार हैं। हम चाहेंगे कि शिवसेना के नेतृत्व वाले सरकार इस सन्दर्भ में कड़ी कार्रवाई करे।

उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश सरकार को स्वयं ही इस बुकलेट का संज्ञान लेते हुए इस पर प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं कल पुनः एक शिष्ट मंडल के साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने का प्रयास करूंगा और उनसे इस सन्दर्भ में कार्रवाई करने का निवेदन करूंगा।

आक्रमक तेवर

रणजीत सावरकर ने इसके पहले भी गुरूवार को भी मुख्यमंत्री ठाकरे से राहुल गांधी एवं कांग्रेस सेवादल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को लेकर एक बयान के जरिये निवेदन किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस राजनीतिक लाभ के लिए एक वीर पुरुष विनायक दामोदर सावरकर का अपमान कर रही है। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर पर ब्रिटिश सरकार से वेतन एवं पेंशन लेने की लगाया गया आरोप भी निराधार एवं झूठ है। वीर सावरकर नजरबंद रहे थे और उन्हें जेल मानदंडों के अनुरूप डोल मिल सकता था न कि पेंशन। लिखा गया सारा साहित्य बिल्कुल निराधार है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है और हम स्वयं भी इस संदर्भ में कानूनी कार्यवाही की तैयारी कर रहे हैं।

गले की फांस

वैसे आज की तारीख में देखा जाय तो यह मुद्दा शिवसेना और कांग्रेस दोनों के लिए ही गले की फांस बन सकता है। रणजीत सावरकर के आक्रमक रवैये को देखते हुए ऐसा लगता है कि कहीं कांग्रेस द्वारा खेला गया सावरकर कार्ड उल्टा न पड़ जाए। महाराष्ट्र की राजनीति पर भी इस मुद्दे का असर हो सकता है क्योंकि शिवसेना और कांग्रेस यहाँ मिलकर सरकार चला रहे हैं। सावरकर पर शिवसेना और कांग्रेस के विचार भी दो अलग अलग ध्रुवों के समान ही हैं। देखना बस यह है बस कि शिवसेना इस संदर्भ में कितना धीरज दिखती है। क्योंकि अगर यह मुद्दा बहुत अधिक गर्माता है, तो इसे छोड़ पाना भी शिवसेना के लिए संभव नहीं होगा।

Mayank Sharma

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