×

मोदी के खिलाफ प्रत्याशी पर कांग्रेस ने नहीं खोले पत्ते, क्या गुटबाजी पड़ रही पार्टी पर भारी?

लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे देश की नजरें वाराणसी पर टिकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से यहां से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। नरेंद्र मोदी 26 अप्रैल को नामांकन करने जा रहे हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 20 April 2019 2:58 PM GMT
मोदी के खिलाफ प्रत्याशी पर कांग्रेस ने नहीं खोले पत्ते, क्या गुटबाजी पड़ रही पार्टी पर भारी?
X

वाराणसी: लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे देश की नजरें वाराणसी पर टिकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से यहां से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। नरेंद्र मोदी 26 अप्रैल को नामांकन करने जा रहे हैं। इस बीच मोदी के खिलाफ कौन चुनाव लड़ेगा, इसे लेकर सस्पेंस बरकरार है। ना तो सपा-बसपा गठबंधन ने पत्ते खोले हैं और ना ही कांग्रेस ने।

हालांकि कांग्रेस की ओर से रह-रहकर प्रियंका गांधी का नाम सामने आ रहा है, लेकिन अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है। जानकार बता रहे हैं कि कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी पार्टी पर भारी पड़ रही है। गुटबाजी और नेताओं की आपसी तनातनी के चलते पार्टी अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।

यह भी पढ़ें...PM के नामांकन से पहले वाराणसी में उतरी दिग्गजों की फौज, 5 लाख भीड़ जुटाने का दावा

राजबब्बर ने दिए संकेत

इस बीच जौनपुर जाने के लिए बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि कहा चिंता मत कीजिये कोई अच्छा और बेहतर चौकीदार लेकर आएंगे। राजबब्बर से जब पूछा गया की अभी तक आप ने वाराणसी से प्रत्याशी नहीं उतारा है तो पास खड़े अजय राय के कंधे पर हाथ रखकर बोले की हमारे पास प्रत्याशियों की कमी नहीं है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने सपेंस बनाये रखने को कहा है तो उसे बने रहने दीजिये हम बेहतर चौकीदार लेकर आएंगे यहां।

यह भी पढ़ें...देश तभी दमदार होता है जब सेना को स्वतंत्र फैसला लेने की छूट होती है : मोदी

वाराणसी से हैं प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की खबरें

देश की सियासत में इस बात को लेकर चर्चा तेज है कि वाराणसी से प्रियंका गांधी नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए मैदान में उतर सकती हैं। खुद प्रियंका और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा भी इच्छा जता चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक वाराणसी में पार्टी जिस तरह से खेमे में बंटी हुई है, उसे देखते हुए आलाकमान प्रियंका को चुनाव लड़ाने के मूड में नहीं है। एक खेमे की अगुवाई अजय राय कर रहे हैं तो दूसरे खेमा सतीश चौबे के साथ है।

यह भी पढ़ें...गुजरात में करीब 16 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले: एडीआर

हालांकि अजय राय का पलड़ा भारी है, फिर भी बहुत से ऐसे कांग्रेसी हैं जो उन्हें पसंद नहीं करते। दूसरे तरफ पिछले पांच सालों से अजय राय इस सीट के लिए दावेदारी ठोक रहे हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने नरेंद्र मोदी को टक्कर दी थी लेकिन औंधे मुंह गिरे थे। सिर्फ कांग्रेस ही नहीं सपा-बसपा गठबंधन ने भी वाराणसी के लिए अपने पत्ते नहीं खोले हैं। गठबंधन के तहत ये सीट सपा के खाते में है। माना जा रहा है कि इस सीट से पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्र पटेल दावेदार हैं।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story