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गोरखपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण को केंद्र सरकार से मिला फाइनल अप्रूवल, तीन माह में शुरू होगा निर्माण

Gorakhpur News: यह सर्वविदित है कि सुदृढ़ कानून व्यवस्था, निवेश के लिए अनिवार्य शर्त है। बीते पांच साल में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था सुदृढ़ हुई तो निवेशक भी आकर्षित हुए। इसका फायदा गीडा को भी मिल रहा है।

Purnima Srivastava
Published on: 26 July 2022 6:00 PM IST
Construction of flatted factory in Gorakhpur gets final approval from central government
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Construction of flatted factory in Gorakhpur gets final approval from central government (Image: Social Media) 

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Gorakhpur News: दशकों तक गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) प्रबंधन उद्योगों की राह तकता था, उसे इन दिनों बड़े पैमाने पर आ रहे निवेश प्रस्तावों के मुताबिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से फुर्सत नहीं मिल रही है। अपना गीडा भी नोएडा की तरह उद्यमियों का पसंदीदा स्थान बन रहा है। इस बीच अच्छी खबर यह है कि गीडा ने रेडीमेड गारमेंट का हब बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा दिया है।

यहां करीब 33 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाली फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स को केंद्र सरकार से फाइनल अप्रूवल मिल गया है। जल्द ही इसकी स्थापना के लिए टेंडर जारी कर तीन माह में निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। यही नहीं, 101 भूखंडों में विकसित होने वाले रेडीमेड गारमेंट पार्क के लिए 40 उद्यमियों ने जमीन का पैसा जमा कर दिया है।

33 करोड़ की लागत से बनेगी फ्लैटेड फ़ैक्ट्री

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि गीडा में स्थापित होने वाली फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स को केंद्र सरकार के एमएसएमई (सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम) मंत्रालय से 25 जुलाई को अंतिम अनुमोदन प्राप्त हो गया है। फ्लैटेड फैक्ट्री की स्थापना करीब 33 करोड़ रुपये की लागत से की जाएगी। इसमें से 12 करोड़ रुपये केंद्र सरकार की तरफ से अनुदान के रूप में मिलेंगे जबकि शेष धनराशि उत्तर प्रदेश सरकार लगाएगी। गीडा के सीईओ का कहना है कि जल्द ही फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण के लिए टेंडर निकाल दिया जाएगा। तीन माह के भीतर निर्माण कार्य शुरू करा देने की तैयारी है।

तीन हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

फ्लैटेड फैक्ट्री में रेडीमेड गारमेंट सेक्टर से जुड़े उद्यमियों को सुविधायुक्त हाल उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि वे कम पूंजी में भी आसानी से काम कर सकें। फ्लैटेड फैक्ट्री में लगने वाली करीब 80 औद्योगिक इकाइयों के माध्यम से करीब तीन हजार लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। उधर, गीडा में रेडीमेड गारमेंट पार्क की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। इसके लिए 101 भूखंड विकसित किए गए हैं। इन भूखंडों के आसपास इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम भी पचास फीसद से अधिक पूरा कराया जा चुका है। अनुमान है कि यहां लगने वाली रेडीमेड गारमेंट यूनिट्स में करीब दो हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

सुरक्षा की गारंटी से उत्साहित हैं निवेशक

यह सर्वविदित है कि सुदृढ़ कानून व्यवस्था, निवेश के लिए अनिवार्य शर्त है। बीते पांच साल में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था सुदृढ़ हुई तो निवेशक भी आकर्षित हुए। इसका फायदा गीडा को भी मिल रहा है। रेडीमेड गारमेंट की फ्लैटेड फैक्ट्री को लेकर उद्यमी उत्साहित हैं तो वहीं रेडीमेड गारमेंट पार्क में भूखंड के लिए 40 उद्यमियों ने धनराशि जमा कर दी है।

गोरखपुर की ओडीओपी में शामिल है रेडीमेड गारमेंट

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेराकोटा के बाद रेडीमेड गारमेंट को गोरखपुर के एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल किया है। अक्टूबर 2020 के अंत में ओडीओपी में शामिल किए जाने के बाद इस सेक्टर में उद्यमियों का रुझान तेजी से बढ़ा है। उद्यमियों के उत्साह को देखते हुए रेडीमेड गारमेंट पार्क और फ्लैटेड फैक्ट्री की कार्ययोजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। सीएम योगी की मंशा गोरखपुर को रेडीमेड गारमेंट का हब बनाने की है।

रेडिमेड गारमेंट यूनिट लगाने पर ओडीओपी में 20 लाख तक का अनुदान

ओडीओपी के तहत रेडीमेड गारमेंट यूनिट लगाने पर सरकार 20 लाख रुपये तक का अनुदान दे रही है। यूनिट लगाने को आवेदन करने परकिसी भी राष्ट्रीयकृत या अन्य अन्य शेड्यूल्ड बैंक से लोन मिल सकता है। लोन के सापेक्ष सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन (एमएसएमई) विभाग की ओर से मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। 25 लाख रुपये तक की कुल परियोजना लागत की इकाइयों के लिए कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम 6.25 लाख रुपये में से जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में देने की व्यवस्था है। 25 लाख से 50 लाख रुपये तक की परियोजना लागत की इकाइयों के लिए धनराशि 6.25 लाख रुपये अथवा परियोजना लागत का 20 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, मार्जिन मनी के रूप में दी जाएगी। 50 लाख रुपये से 1.50 लाख (डेढ़ करोड़) तक की परियोजना लागत की इकाइयों के लिए 10 लाख या परियोजना लागत का 10 प्रतिशत में से जो भी अधिक हो, वह मार्जिन मनी के रूप में मिलेगी। 150 लाख (1.5 करोड़) से अधिक की कुल परियोजना लागत की इकाइयों के लिए परियोजना लागत का 10 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपये में से जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में दी जाएगी।



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Rakesh Mishra

Rakesh Mishra

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