TRENDING TAGS :
Power Cut In Sonbhadra: बिजली कटौती से खफा उपभोक्ताओं ने काटा बवाल, NTPC के गेट पर लगाए नारे
Sonbhadra News: बीजपुर इलाके में लगभग 25 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप रहने से खफा उपभोक्ताओं ने जमकर बवाल काटा। एनटीपीसी की रिहंद परियोजना का गेट जाम कर जहां जमकर नारे लगाए।
Sonbhadra News: बीजपुर इलाके (Bijpur localities) में लगभग 25 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप रहने से खफा उपभोक्ताओं ने बृहस्पतिवार को जमकर बवाल काटा। एनटीपीसी की रिहंद परियोजना का गेट जाम कर जहां जमकर नारे लगाए। वहीं शीघ्र आपूर्ति बहाल न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी। परियोजना गेट पर प्रदर्शकारियों के जमावड़े के कारण यहां देर तक आवागमन भी ठप पड़ा रहा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी निरीक्षक बीजपुर एसपी सिंह (In-charge Inspector Bijpur SP Singh) ने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर शांत कराया और परियोजना प्रबंधन के लोगों से वार्ता कर शीघ्र आपूर्ति बहाल कराने का भरोसा दिया, तब जाकर नाराजगी जता रहे लोग शांत हुए। इस दौरान सीआईएसएफ की तरफ से भी परियोजना गेट पर सुरक्षा की कमान संभाले रखी गई।
25 घंटे गुजर चुके हैं लेकिन बिजली गायब
प्रधानपति बीजपुर विश्राम सागर गुप्ता, अनिल मेहता, शिवधारी गुप्ता, बृजकिशोर मोदनवाल, उपेंद्र प्रताप सिंह आदि का कहना था कि बुधवार की सुबह से ही आपूर्ति में दिक्कत थी लेकिन उसे दूर नहीं किया गया। परिणाम यह हुआ कि लगभग 25 घंटे गुजर चुके हैं लेकिन बिजली गायब है। उपभोक्ताओं का कहना था कि बुधवार की रात भी लोगों ने एतराज जताया था। पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत करा दिया था और प्रबंधन से हुई वार्ता में जल्द आपूर्ति बहाल करने का भरोसा दिया गया था लेकिन पूरी रात गुजर गई लेकिन बिजली के दर्शन नहीं हुए। इसके चलते लोगों को पूरी रात उमस से बिलबिलाते हुए गुजारनी पड़ी।
प्रबंधन में मचा हड़कंप
उधर, जैसे ही परियोजना गेट पर प्रदर्शन और आवागमन ठप होने की जानकारी मिली, प्रबंधन में हड़कंप मच गया। सीआईएसएफ के जवानों ने सुरक्षा के मद्देनजर गेट पर मोर्चा संभाल लिया। वहीं पुलिस भी पहुंचकर नारेबाजी कर रहे लोगों को समझाने-बुझाने में जुट गई। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद नाराजगी जता रहे लोगों को शांत कराने में कामयाबी मिली। प्रभारी निरीक्षक एसपी सिंह ने लोगों की प्रबंधन के लोगों से वार्ता भी कराई।
इसके बाद प्रशासनिक भवन में पुलिस की मौजूदगी में परियोजना के के अधिकारियों और पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के बीच इस मसले पर वार्ता हुई, जिसमें अविलंब आपूर्ति बहाली का भरोसा दिया गया। तब जाकर नाराजगी जता रहे लोग परियोजना गेट से हटने को तैयार हुए।