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चारबाग रेलवे स्टेशन पर छाया चूहे का आतंक, 4.76 लाख में दी मारने की सुपारी

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Published on: 20 Aug 2016 12:00 PM GMT
चारबाग रेलवे स्टेशन पर छाया चूहे का आतंक, 4.76 लाख में दी मारने की सुपारी
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charbaag railway station lucknow

लखनऊः चारबाग़ रेलवे स्टेशन पर चूहों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इससे तंग आ कर विभाग ने इन चूहों के आतंक से निजात पाने के लिए निजी कंपनियों को चूहों को खत्म करने की सुपारी दे दी है।

नाक में कर रहा है दम, रेलवे के साथ साथ यात्री भी परेशान

स्टेशन पर आतंक फैलने वाले इन चूहों से पीछा छुड़ाने के लिए रेलवे पहले भी काफी रकम खर्च कर चुका है, लेकिन नतीजा सिफर रहा। इसके बाद यात्रियों के साथ साथ विभाग की नाक में दम करने वाले इन तेज़ तर्रार चूहों पर रेलवे ने अपनी निगाहें टेढ़ी कर ली है। चारबाग रेलवे स्टेशन को चूहों से मुक्त करने की कोशिश में रेलवे ने चूहों को खत्म करने के लिए 4.76 लाख रूपए का ठेका एक निजी कंपनी को दिया है।

बड़ी मुसीबत का करना पड़ सकता है सामना

पिछले कई सालों से चारबाग रेलवे स्टेशन चूहों के आतंक से परेशान है। स्टेशन पर बेख़ौफ़ घूमते चूहे यात्रियों के साथ साथ सरकारी दस्तावेज़ कुतर कर रेलवे को नुकसान पहुंचाने लगे है। कई बार तो इससे तंग आ कर यात्री हर्जाने के लिए रेलवे से मांग भी कर चुके है। बड़ी बात यह है की इन चूहों ने रेलवे ट्रैक को भी नहीं बक्शा, आतंकी चूहों ने ट्रेक के बीच अपना घर बनाने और छिपने के लिए गहरे सुराख़ कर दिए है। इससे ट्रैक के दरकने के साथ कोई भी बड़ी मुसीबत सामने आ सकती है।

तीन साल में दूसरी बार चूहों को खत्म करने के लिए कंपनी को सौपा ज़िम्मा

चूहों के खात्मे के लिए साल 2013 में भी एक निजी कंपनी को साढ़े तीन लाख का टेंडर दिया गया था, लेकिन तेज़ी से आबादी बढ़ाते हुए इन चूहों के आगे टेंडर लेने वाली कंपनी ने भी घुटने टेक दिए। चूहों से अजीज़ हो चुके रेलवे ने चूहों के खात्मे के लिए एक बार फिर 4 लाख 76 हज़ार की रकम एक निजी कंपनी को सौंप दी है। इसके तहत कंपनी को मारे जाने वाले चूहों की रिपोर्ट रेलवे को देनी होगी।

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