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निकायों में तैनात संविदा कर्मियों को हाईकोर्ट से मिला तगड़ा झटका 

Rishi
Published on: 9 Feb 2018 4:17 PM GMT
निकायों में तैनात संविदा कर्मियों को हाईकोर्ट से मिला तगड़ा झटका 
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लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा नगर निकायों व निगमों में नियुक्ति पाए संविदा पर तैनात दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को हटाने के आदेश को सही करार दिया है। हाईकोर्ट के ही एक निर्णय को आधार मानते हुए, बसपा सरकार के दौरान नियुक्ति पाए इन संविदाकर्मियों की याचिकाओं को जस्टिस अजय लांबा की एक पीठ ने खारिज कर दिया है।

कोर्ट के इस आदेश से निगमों व निकायों में संविदा पर नौकरी कर रहे उन अनेकों कर्मचारियों को झटका लगा है जो हाईकोर्ट के 5 नवंबर 2012 के अंतरिम आदेश के सहारे नौकरी कर रहे थे।

यह आदेश कोर्ट ने संविदा कर्मचारियों की कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिया।

दरअसल इन याची कर्मियों की नियुक्तियां संविदा व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के तौर पर हुई थीं। इन सभी को 23 जुलाई 2012 के एक शासनादेश के अनुपालन में हटाने का आदेश दे दिया गया। उक्त आदेश को चुनौती देते हुए याचियों की ओर से दलील थी कि यह आदेश पूरी तरह से मनमाना था।

याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट का 26 मई 2014 का एक निर्णय पेश किया गया और तर्क दिया गया कि कर्मियों का हटाने का सरकार का उक्त आदेश सही है।

सरकार की ओर से दलील दी गई कि नियुक्तियों के लिए विज्ञापन तक नहीं निकाले गए थे और न ही आवेदन आमंत्रित किए गए थे।

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीनें सुनने के उपरांत अपने आदेश में कहा कि याची इस बात को न ही प्रमाणित और न ही स्थापित कर सके कि जिन पदों पर उनकी भर्तियां हुई हैं, उन पर रिक्तियां थीं और उक्त पदों के लिए विज्ञापन निकाले गए थे और आवेदन आमंत्रित किए थे। कोर्ट ने इन आधारों पर याचिकाओं को खारिज कर दिया।

कोर्ट ने 5 नवम्बर 2012 को एक संविदाकर्मी की याचिका पर सरकार के 23 जुलाई 2012 के आदेश पर रोक लगा दी थी। अब सभी याचिकाएं खारिज होने के बाद ऐसे संविदाकर्मियों के लिए अंतरिम राहत भी खत्म हो चुकी है।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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