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Gomti Riverfront Scam: गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में ठेकेदार तलब, बढ़ सकती है मुश्किलें

Gomti Riverfront Scam: समाजवादी पार्टी की सरकार में हुए रिवरफ्रंट घोटाले में कई ठेकेदार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मामले की जांच तेज कर दी गई है।

Anant kumar shukla
Published on: 6 Dec 2022 12:32 PM IST
Contractor summoned in Gomti riverfront scam in Lucknow, difficulties may increase
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लखनऊ में बना गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में ठेकेदार तलब, बढ़ सकती है मुश्किलें: Photo- Social Media

Gomti Riverfront Scam: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार में हुए रिवरफ्रंट घोटाले ( Gomti riverfront scam) में कई ठेकेदार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मामले की जांच तेज कर दी गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने सिंचाई विभाग के आरोपित अधीक्षक अभियंता रूप सिंह यादव के कई करीबी ठेकेदारों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है।

बता दें कि सीबीआई (CBI) द्वारा नवंबर 2020 में रूप सिंह यादव और तत्कालीन वरिष्ठ सहायक राजकुमार को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीआई ने ठेकों के धांधली को लेकर रूप सिंह के विरुद्ध एक अन्य केस भी दर्ज किया था। इस केस के माध्यम से मिले साक्ष्य के आधार पर ठेकेदारों की भूमिका अब इडी के रडार पर है।

गौरतलब है कि सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच (Anti corruption branch of CBI Lucknow) ने रिवरफ्रंट घोटाले की एफआईआर दर्ज कर नवंबर, 2017 में जांच शुरू की थी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मार्च, 2018 में केस दर्ज कर इस घोटाले की जांच शुरू की थी। जांच के दौरान सामने आया था कि रिवरफ्रंट निर्माण के दौरान सिंचाई विभाग ने 1031 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों से जुड़ी 12 निविदाएं जारी की थीं।

इसके अलावा सिंचाई विभाग द्वारा 407 करोड़ रुपये के 661 निर्माण कार्य अलग-अलग ठेकेदारों को आवंटित किए गए थे। इन ठेकों के आवंटन पर आर्थिक अनियमितताओं के सामने आने पर सीबीआई द्वारा जुलाई, 2021 में केस दर्ज किया गया था। ठेकेदारों द्वारा मनमाने कीमतों पर सामान की आपूर्ति व निर्माण कार्य कराया गया था। कुछ निर्माण कार्यों में सीबीआई को दस गुणा तक ओवररेटिंग किए जाने के साक्ष्य भी मिले हैं।

क्या है गोमती रिवरफ्रंट घोटाला

रिवरफ्रंट घोटाला समाजवादी पार्टी की सरकार में हुई थी। गोमती रिवर फ्रंट परियोजना के लिए समाजवादी पार्टी की सरकार ने साल 2014-15 में 1513 करोड़ रुपये स्वीकृत की थी। इसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार में ही 1437 करोड़ रुपए जारी कर दिया गया था। स्वीकृत बजट का 95 फ़ीसदी राशि जारी होने के बावजूद भी 60% से कम काम हो पाया था। न्यायिक जांच में भ्रष्टाचार सामने आया। परियोजना के लिए आवंटित की गई राशि राशि को इंजीनियरों और अधिकारियों ने जमकर लूटा।

Shashi kant gautam

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