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Sonbhadra News: वोटिंग के बाद सहकारी संघ का चुनाव अचानक स्थगित होने से आक्रोश, हंगामा, लोकतंत्र की हत्या का लगाया आरोप
Sonbhadra News: नईबाजार सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर सुबह से ही रस्साकसी की स्थिति देखने को मिल रही थी। जहां सुबह से ही यहां प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के आने-जाने का क्रम बना हुआ था। वहीं बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की भी तैनाती की गई थी। दोपहर तीन बजे वोटिंग कराई जानी थी लेकिन वोटिंग लगभग साढ़े तीन बजे शुरू हो पाई। आरोप है कि दस में सात मत पड़ने के बावजूद, गणना के वक्त अध्यक्ष पद का चुनाव स्थगित कर दिया गया।
Sonbhadra News: जिले में शुक्रवार को जिला सहकारी संघ का चुनाव कराया गया। इस दौरान जहां कुछ जगहों पर अध्यक्ष पद का निर्वाचन निविरोध रहा। वहीं नईबाजार सहकारी संघ लिमिटेड पर सत्तापक्ष का खासा प्रभाव देखने को मिला। यहंा वोटिंग के बाद, मतगणना के वक्त चुनाव स्थगित करने को लेकर खासा आक्रोश जताया गया। नाराज लोगों ने हंगामा करते हुए लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया। कहा कि सत्ता पक्ष को यहां हार की पहले से आशंका थी। इसके लिए जहां पहले सत्ता बल का प्रयोग किया गया। आरोप लगाया जा रहा है कि इसके बाद भी जीत न मिलती देख, मतगणना के वक्त चुनाव स्थगित कर दिया गया।
सुबह से ही रही यहां गहमागहमी, अधिकारियों का बना रहा जमावड़ा
नईबाजार सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर सुबह से ही रस्साकसी की स्थिति देखने को मिल रही थी। जहां सुबह से ही यहां प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के आने-जाने का क्रम बना हुआ था। वहीं बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की भी तैनाती की गई थी। दोपहर तीन बजे वोटिंग कराई जानी थी लेकिन वोटिंग लगभग साढ़े तीन बजे शुरू हो पाई। आरोप है कि दस में सात मत पड़ने के बावजूद, गणना के वक्त अध्यक्ष पद का चुनाव स्थगित कर दिया गया। वहीं, उपाध्यक्ष पद पर एकमात्र नामांकन संतोष कुमार का होने के कारण निर्वाचन निर्विरोध रहा। बता दें कि अध्यक्ष/सभापति पद के लिए दो प्रत्याशी कमलेश सिंह और नामवर सिंह चुनाव मैदान में थे। कमलेश को जहां सत्ता पक्ष का समर्थन प्राप्त था। वहीं नामवर निर्दल उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे।
जीत न मिलने पर चुनाव स्थगित करने का आरोप:
नामवर खेमे का आरोप है कि चुनाव प्रभावित करने के लिए सत्ताबल का खासा इश्तेमाल किया गया। आरोप लगाया गया कि मतदान के पहले डराने की कोशिश की गई। इसके बावजूद वोटिंग में जीत मिलती न देख, मतगणना के वक्त चुनाव स्थगित कर दिया। नामवर खेमे की तरफ से लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए सूबे के महामहिम को पत्र भेज हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई है। लगाए जा रहे आरोपों और अध्यक्ष पद का चुनाव/परिणाम स्थगित करने के कारणों की जानकारी के लिए सदर एसडीएम से उनके सीयूजी नंबर पर संपर्क का कई बार प्रयास किया गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए।