Corona Alert In UP: 30 बेड का डेडीकेटेड वार्ड बनाने के निर्देश, MBBS की 7000 सीटें बढ़ेंगी

Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज में 30 बेड का डेडीकेटेड कोविड वार्ड तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं। मरीज बढ़े तो सभी सरकारी अस्‍पतालों में 10 फीसदी बेड आरक्षित किए जाएंगे।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 22 April 2022 1:36 PM GMT
Corona Alert In UP CM Yogi Adityanath gave instructions to make dedicated ward of 30 beds
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कोरोना वायरस पर सीएम योगी आदित्यनाथ (Social media )

Lucknow: कोरोना संक्रमण की चौथी लहर (Coronavirus Foth Wave) की आशंका के बीच यूपी का स्वास्थ्य महकमा अलर्ट (UP health department alert) हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अधिकारियों को सभी सरकारी और मेडिकल कॉलेजों को पूरी तौर पर तैयार रखने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत हर एक मेडिकल कॉलेज में एक डेडिकेटेड कोविड वार्ड (Dedicated Covid Ward) इसके लिए तैयार रखा गया है। इसके साथ ही सरकारी अस्‍पतालों में केस बढ़ने पर 10 फीसदी बेड आरक्षित रखने के निर्देश सीएम की ओर से दिए गए हैं।

यूपी में आज मिले 188 कोरोना केस

प्रदेश में शुक्रवार को 188 कोरोना के नए मामले सामने आए। कुल एक्टिव केस की संख्‍या 1044 है। बीते 24 घंटों में 123 मरीजों ने कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हैं। यूपी में सबसे ज्यादा केस गौतमबुद्ध नगर में 108, गाजियाबाद में 38 और लखनऊ में 10 नए पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है। इन जिलों में सीएम ने अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। ये तीन जिले ऐसे हैं जहां डबल डिजिट में संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग और चिकित्‍सा शिक्षा विभाग प्रदेश में सतत निगरानी कर रही है।

30 बेड का डेडीकेटेड कोविड वार्ड बनाने के निर्देश जारी

प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज में 30 बेड का डेडीकेटेड कोविड वार्ड तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं। मरीज बढ़े तो सभी सरकारी अस्‍पतालों में 10 फीसदी बेड आरक्षित किए जाएंगे। मेडिकल कॉलेजों और अन्‍य सरकारी अस्‍पतालों में पीकू वार्ड भी बनाए गए हैं। पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमान ने बताया कि प्रदेश में अभी स्‍कूलों को बंद करने की जरूरत नहीं है। 12 साल से ऊपर के सभी बच्‍चों को टीके का कवच मिले इसको सुनिश्चित किया जाएगा। बता दें कि अब तक 31 करोड़ से अधिक टीके की डोज दी जा चुकी है।

प्रदेश में एमबीबीएस की 7000 सीटें बढ़ेंगी

पिछले कई दशकों से यूपी की स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं की बढ़ोत्तरी में रोड़ा बने मानव संसाधन के लिए योगी सरकार एक बेहतरीन योजना के तहत काम करने जा रही है। इसके साथ ही आने वाले पांच सालों में मेडिकल प्रोफेशनल सीटों को दोगुना करने की भी पूरी तैयारी कर ली गई है। प्रदेश में आने वाले पांच सालों में मेडिकल प्रोफेशनल सीटें दोगुनी होंगी। जिसमें पांच सालों में एमबीबीएस की 7000, पीजी की 3000, नर्सिंग की 14,500 और पैरामेडिकल की 3,600 सीटों को बढ़ाया जाएगा।

आने वाले 100 दिनों में यूपी में ई हॉस्‍पिटल की जाएगी स्‍थापना

पिछली सरकारों के मुकाबले योगी सरकार स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के लिए स्‍वर्णिम युग लेकर आई है। 24 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में साल 2017 से पहले जहां महज 12 मेडिकल कॉलेज थे, वहीं सीएम योगी (CM Yogi) के सत्ता की कमान संभालने के बाद यूपी में तेजी से चिकित्सीय सुविधाओं में विस्‍तार किया गया। आने वाले 100 दिनों में यूपी में ई हॉस्‍पिटल की स्‍थापना की जाएगी। जिसके तहत दो सालों के भीतर मेडिकल कॉलेज ई हॉस्‍पिटल की तर्ज पर क्रियाशील हो जाएंगे। छह माह में योजना की घोषणा के साथ आने वाले दो साल में कॉल सेंटर एंड मोबाइल एप तैयार की जाएगी।

यूपी में इमरजेंसी ट्रामा केयर नेटवर्क की स्थापना का किया जाएगा काम

यूपी में इमरजेंसी ट्रामा केयर नेटवर्क की स्थापना का काम भी किया जाएगा। प्रदेश सरकार 'वन डिस्ट्रिक वन मेडिकल कॉलेज' के साथ प्रत्येक जनपद को चिकित्सीय सुविधाओं से लैस करने में जुटी है। साल 2022-2023 तक प्रदेश में लैब, सीएचसी पीएचसी का कायाकल्‍प, पीकू नीकू की स्‍थापना, हेल्‍थ एटीएम जैसी सुविधाओं से यूपी चिकित्‍सा के क्षेत्र में एक नया रिकॉर्ड बनाने की राह पर है।

स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं से लैस होगा यूपी

योगी सरकार (Yogi Government) द्वारा चिकित्‍सा के क्षेत्र में लिए गए बड़े फैसलों से प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात मिलेंगी। साल 2022 में प्रदेश के 75 जिलों में बीएसएल टू आरटीपीसीआर लैब, सीटी स्कैन यूनिट, डायलिसिस यूनिट के संचालन संग साल 2022-2023 तक 14 नए मेडिकल कॉलेज से यूपी लैस होगा। वहीं, 16 पीपीपी मॉडल, दो एम्‍स, एक बीएचयू, एक एएमयू के अलावा 30 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से प्रदेश की चिकित्सीय सेवाओं में पंख लग रहे हैं। प्रदेश को नए मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलने से एक ओर प्रदेश के अस्पतालों में रेफरल केसों में कमी आएगी तो वहीं दूसरे जनपदों के मरीजों को बड़े अस्‍पतालों के चक्‍कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

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Deepak Kumar

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