Corona Virus: दो डोज वैक्सीन लगवाने के बाद भी नहीं बनी एंटीबॉडी, डॉक्टर्स भी हैरान

किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन डिपार्टमेंट की स्क्रीनिंग में 7 फीसदी लोगों में वैक्सीन लगने के बाद भी एंटीबॉडी नहीं बनने का केस सामने आया है।

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Newstrack NetworkPublished By Ashiki
Published on: 8 Jun 2021 5:42 AM GMT
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कांसेप्ट इमेज (सौ. सोशल मीडिया )

लखनऊ: यूपी के लखनऊ (Lucknow) में कोरोना वैक्सीन की डबल डोज (double dose of vaccine) लेने के बाद भी शरीर में एंटीबॉडी (Antibodies) नहीं बनने का मामला सामने आया है। किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन डिपार्टमेंट की स्क्रीनिंग में 7 फीसदी लोगों में वैक्सीन लगने के बाद भी एंटीबॉडी नहीं बनने का केस सामने आया है। इस टेस्ट से डॉक्टर्स भी हैरान हैं। बता दें, कोरोना वायरस (Coronavirus) के सामना करने के लिए जरूरी है कि आपके शरीर में हो एंटीबॉडी हो।

अब रिसर्च में यह जानने कोशिश की जा रही है कि वैक्सीन (vaccine) लगने के बाद भी प्रतिरोधक क्षमता क्यों नहीं बढ़ी। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (King George's Medical University) के ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन विभाग में काम करने वाले हेल्थ वर्करों के सैंपल लेकर एंटीबॉडी की जांच की गई थी। साथ ही दावा किया जा रहा है कि ऐसी स्क्रीनिंग भारत में पहली बार हुई है। जानकारी के मुताबिक अब तक करीब 1,000 लोगों का टेस्ट कर एंटीबॉडी की जांच की जा चुकी है। वहीं अभी करीब 4,000 लोगों का मेडिकल चेकअप बाकी है।

और रिसर्च की जरूरत

इस टेस्ट में यह बात सामने आई है कि 7 प्रतिशत लोगों में कोरोना वैक्सीन की डबल डोज लेने के बाद भी एंटीबॉडी नहीं बन पाई है। KGMU के ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन विभाग की विभागाध्यक्ष तूलिका चंद्रा के मुताबिक इस मामले में अभी और रिसर्च की जरूरत है।

जांच का विषय

इस बारे में तूलिका चंद्रा ने कहा कि हम लोगों ने 4000 हेल्थ वर्कर्स की स्क्रीनिंग कर एंटीबॉडी चेक कर रहे हैं। यह पहली बार हो रहा है। हमने अब तक लगभग 1,000 लोगों की एंटीबॉडी स्क्रीनिंग की, जिसमें तकरीबन 7 फीसदी लोगों में लोगों में एंटीबॉडी बनी ही नहीं है। इनका वैक्सीनेशन (Vaccination) किया जा चुका है। आखिर क्यों एंटीबॉडी नहीं बनी, यह जांच का विषय है। यह भी जांच किया जाएगा कि इसके पीछे कोई हॉरमोनल कारण तो नहीं है।

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