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UP में कोरोना की दूसरी लहर हुई कमजोर! संक्रमण के मामलों में आई भारी कमी
उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 9,391 कोविड के नये मामले आये हैं जो 30 अप्रैल को 38,055 थे। कोविड के नये मामलों लगभग 29,000 की कमी आयी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 9,391 कोविड के नये मामले आये हैं जो 30 अप्रैल को 38,055 थे। कोविड के नये मामलों लगभग 29,000 की कमी आयी है। पिछले 24 घंटे में 23,045 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं। इस समय कुल एक्टिव केस 1,49,032 हैं जो 30 अप्रैल को 3,10,783 थे। इस प्रकार कुल एक्टिव केसों में लगभग 1,60,000 से अधिक की कमी आयी है।
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में टेस्टिंग 2.50 लाख से अधिक की जा रही है। गत एक दिन में 2,55,110 सैम्पल की जांच की गई है, जिसमें 1 लाख 4 हजार से अधिक जांच आरटीपीआर के माध्यम से की गई है। प्रदेश में अब तक 4 करोड़ 49 लाख 50 हजार जांच सैम्पल की जांच की गई है।
कोविड-19 के कार्यों का जमीनी स्तर पर निरीक्षण
सहगल ने बताया कि एग्रेसिव टेस्टिंग में नए केस लगातार कम आ रहे है, जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या में बढोत्तरी हो रही है। प्रदेश की रिकवरी दर अब लगभग 90 प्रतिशत हो गई है। कोविड लक्षण मिलने वाले लोगों का आरआरटी टीम द्वारा एन्टीजन कोविड टेस्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निगरानी समितियों को लगभग 5 लाख मेडिकल किट उपलब्ध करायी गई है।
सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में चलाये जा रहे कोविड-19 के कार्यों का जमीनी स्तर पर जाकर निरीक्षण तथा जनपदों के अधिकारियों के साथ में समीक्षा बैठक भी की जा रही है।
सहगल ने बताया कि प्रदेश स्तर पर बनी विशेषज्ञ चिकित्सक टीम को ब्लैक फंगस बीमारी के समुचित इलाज व्यवस्था एवं गाइडलाइन्स तैयार की गई है। दो दिन पूर्व ब्लैक फंगस बीमारी के सम्बन्ध में पीजीआई से सभी जिलों के चिकित्सकों का एक वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया था।
नदियों में शव का जल प्रवाह न करे
सहगल ने बताया कि कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रदेश में सुचारु रूप से चल रही है। 45 वर्ष से अधिक लोगों के साथ साथ 18-44 आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगायी जा रही है। अब तक एक करोड़ 16 लाख लोगों ने पहली डोज और 32 लाख 61 हजार लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज प्राप्त कर ली है। इस तरह एक करोड़ 49 लाख कोविड वैक्सीन एडमिनिस्टर हुए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में नदियों के किनारे स्थित सभी गांवों तथा शहरों में ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान तथा शहरों में अधिशाषी अधिकारी व नगर पालिका/नगर पंचायत एवं नगर निगम के अध्यक्षों के माध्यम से समितियां बनाकर यह सुनिश्चित करेगें कि कोई भी व्यक्ति नदियों में शव का जल प्रवाह न करे। धार्मिक परम्पराओं के अनुसार कुछ लोगों द्वारा शवों को नदी में प्रवाहित करने तथा नदी के किनारे दफनाने की परम्परा बहुत पहले से चली आ रही है। यह परम्परा अभी हाल में चालू नहीं हुई है।