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रेलवे का बड़ा कदम, प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री पर रोक, अब ऐसे करें सफर

कोरोना संक्रमण की दर फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही है। संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए रेलवे ने सख्त...

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published by ShwetaReport by Ashutosh Singh
Published on: 14 April 2021 6:47 PM IST
रेलवे का बड़ा कदम, प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री पर रोक, अब ऐसे करें सफर
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रेलवे ( सोशल मीडिया) 

वाराणसीः कोरोना संक्रमण की दर फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही है। संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए रेलवे ने सख्त कदम उठाये हैं। स्टेशन पर होने वाली भीड़ के मद्देनजर महत्वपूर्ण निर्णय किया है। पूर्वोत्तर रेलवे ने वाराणसी स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री पर रोक लगा दी है। ये निर्णय वाराणसी मण्डल के सभी स्टेशनों पर लागू किया गया है। यही नहीं रोडवेज परिसर में भी यात्रियों की भीड़ ने जिला प्रशासन की चिंतायें बढ़ा दी है।

बता दें कि देश में कोरोना का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। सरकार ने कोरोना के बढ़ते हुए मामले को देखकर कई जिलों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। इसके बावजूद भी कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं। प्रवासी मजदूर अपने घर लौटने पर मजबूर हो गए हैं। जिसे देखते हुए रेलवे ने सख्त कदम उठाया है।

स्टेशन की सीमाओं को किया गया सील

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित देश के दूसरे हिस्से कोरोना का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है. मौजूदा हालात को देखते हुए लॉकडाउन की सुगबुगाहट शुरु हो गई है. लिहाजा इन राज्यों में रोजगार की तलाश में जाने वाले लोग वापस लौटने लगे हैं. बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर ट्रेनों से वापस लौट रहे हैं. ऐसे में स्टेशनों पर भीड़ बढ़ने लगी है. लोगों को सँभालने में रेलवे कर्मचारियों को मशक्कत करनी पड़ रही है. पूर्वोत्तर रेलवे ने वाराणसी मण्डल के सभी स्टेशनों को सील करने के साथ ही एकल मार्ग को ही खोलने की इजाजत की है. साथ ही प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है.

रोडवेज परिसर में भी अफरातफरी

रोडवेज बस स्टैंड पर बसों की कमी के चलते परिचालक व्यवस्था बेपटरी हो गई है. परिसर और प्लेटफार्म पर बसे लगते ही यात्री दौड़ कर बैठे लग रहे हैं. यात्री शारीरिक दूरी की परवाह नहीं कर रहे हैं. ऐसे में संक्रमण फैलने से इनकार नहीं किया जा सकता है. दरअसल मुंबई, गुजरात आदि शहरों में काम करने वालों के लौटने की वजह से भीड़ बढ़ गई है. गोरखपुर बलिया आजमगढ़ और गाजीपुर रूट की बसों में ज्यादा दबाव था. हालात नियंत्रित करने के लिए सिटी बसों का सहारा लेना पड़ा.

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