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Corona in Lucknow: लखनऊ में कोरोना वायरस के तीन महीने बाद मिले 69 केस, इन इलाकों के लोग रहें संभलकर
Corona in Lucknow: भारत में प्रति दिन कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं। रोज़ाना सात हज़ार से अधिक केस पूरे देश से सामने आ रहे हैं। लेकिन, जनता समझने को तैयार नहीं है।
Corona in Lucknow: भारत में दिन-प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं। रोज़ाना 7 हज़ार से अधिक केस पूरे देश से सामने आ रहे हैं। लेकिन, जनता समझने को तैयार नहीं है। साथ ही, राज्यों ने भी ढ़िलाई दे रखी है। इसका असर अब उत्तर प्रदेश में भी दिखने लगा है। राजधानी सहित दिल्ली से सटे जिलों में कोरोना संक्रमण ने तेज़ी से पैर पसार लिये हैं, जिससे सूबे में सक्रिय मामलों की संख्या 1200 के पार पहुंच गई है। वहीं, राजधानी लखनऊ में लगभग तीन माह बाद 69 नये संक्रमित मिलने से हड़कंप मच गया है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड़ पर है।
लखनऊ में मिले 69 संक्रमित
सीएमओ ऑफिस से मिली जानकारी के मुताबिक, राजधानी में रविवार को 69 कोविड धनात्मक रोगी पाये गये, जिसमें 37 पुरूष एवं 32 महिला रोगी है। जिसमें सरोजनीनगर-13, चिनहट-10, अलीगंज-9, आलमबाग-8, रेडक्रास-6, सिल्वर जुबली-6, इन्दिरानगर-4, गोसाईगंज-3, एनके रोड-3, टूडियागंज-3 बीकेटी-1 माल-1 कोविड धनात्मक रोगी मिले। जबकि, 34 व्यक्ति कोविड संक्रमण से स्वस्थ हुए। इसके अलावा, धनात्मक रोगियों के सापेक्ष कान्टैक्ट-6, ट्रैवल-3, आईएलआई-7, प्री-सर्जिकल-4 श्रेणियों में कोविड धनात्मक रोगी पाये गये।
सक्रिय मामलों की संख्या 1200 पार
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 86,644 सैम्पल की जांच की गयी। कोरोना संक्रमण के 258 नये मामले आये हैं। प्रदेश में अब तक कुल 11,55,79,295 सैम्पल की जांच की गयी हैं। उन्होंने बताया कि विगत 24 घण्टों में 133 लोग ऑक्ट अब तक कुल 20,57,067 लोग कोविड-19 से ठीक हुए हैं। उन्होने बताया कि प्रदेश में कोरोना के कुल 1212 एक्टिव मामले है।
ओपीडी में कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य
बता दें कि राजधानी में कोरोना संक्रमण के मामले आने के पीछे वजह, अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले मरीज़ों के लिए कोरोना जांच अनिवार्य करना है। क्योंकि, इससे मज़बूरन मरीज़ों को जांच करानी पड़ रही है। जिससे संक्रमित व्यक्ति सामने आ रहे हैं। गौरतलब है कि लखनऊ के सिविल अस्पताल में 3500, केजीएमयू 5000, लोहिया संस्थान 2000-2500, लोकबंधु करीब 2000 और बलरामपुर अस्पताल में 3500-4000 मरीज़ों की रोज़ाना ओपीड़ी होती है।