×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

कोरोना संक्रमित जिस पति को खोज रही थी पत्नी, लावारिस बता कर जला दी गयी लाश

जिले में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां पर एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति को एम्बुलेंस कर्मी मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल में लेकर आए लेकिन परिजनों को उसकी जानकारी ही नहीं मिली।

Anurag Pathak
Reporter Anurag PathakPublished By Monika
Published on: 7 May 2021 7:04 AM IST
corona infected person
X

कोरोना मरीज को ले जाते डॉक्टर (फाइल फोटो : सोशल मीडिया )

बहराइच: जिले में स्वास्थ्य विभाग (health Department) की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां पर एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति (corona infected person) को एम्बुलेंस कर्मी (Ambulance driver) मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल में लेकर आए लेकिन परिजनों को उसकी जानकारी ही नहीं मिली। जिसके बाद मरीज की पत्नी उसकी तलाश में मेडिकल कॉलेज में भटकती रही लेकिन उसे पति का पता नहीं चला। पत्नी ने इसकी शिकायत पुलिस से की। जांच में ऐसा चौकाने वाला मामला सामने आया जिसे सुनकर परिजनों के होश उड़ गए ।

तालाब बघेल सुभाष नगर कालोनी निवासी एक ग्रामीण 21 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव आया था। सीएचसी अधीक्षक की सूचना पर एंबुलेंस कर्मी उसे कोविड अस्पताल ले गए। लेकिन यहां पर बिना इंट्री कराए ही मरीज को बाहर छोड़कर चले गए। दूसरे दिन ग्रामीण की मौत हो गई। लेकिन रजिस्टर में इंट्री न होने से स्वास्थ्य टीम ने उसका लावारिस में अंतिम संस्कार करवा दिया। जबकि महिला पति की तलाश में स्वास्थ्य विभाग से लेकर पुलिस विभाग के द्वार पर भटकती रही। पुलिस की तत्परता से गुरुवार को घटना का खुलासा हो सका।

कोरोना जांच कराने गया ग्रामीण निकला पॉजिटिव

पयागपुर थाना क्षेत्र के ग्राम तालाब बघेल सुभाष नगर कालोनी निवासी हरीश 21 अप्रैल को बीमार होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पयागपुर इलाज के लिए गया था। कोविड जांच के दौरान ग्रामीण पॉजिटिव मिला। इस पर अधीक्षक डॉ. मृत्युंजय पाठक ने कोविड कंट्रोल रूम से संपर्क कर एंबुलेंस की मांग की। यहां पर 108 एंबुलेंस कर्मी प्रमोद पांडेय व चालक ने उसे जिला मुख्यालय स्थित कोविड हास्पिटल एल टू में गेट के बाहर छोड़ दिया। कंट्रोल रूम के कर्मचारियों को जानकारी भी नहीं दी। कंट्रोल रूम के कर्मियों ग्रामीण को बिना लिखापढ़ी के भर्ती कर लिया गया। दूसरे दिन उसकी मौत हो गई। पता न लिखा होने के कारण परिवार के लोगों को इसकी जानकारी नहीं दी। 15 दिनों तक पत्नी पति की खोज में दर-दर भटकती रही। जब पति का कहीं पता नहीं चला तो उसने पयागपुर थाने में तहरीर देकर पति की खोज करने की गुहार लगाई। इस पर पुलिस हरकत में आ गई।

भर्ती से दो दिन पहले हो चुकी थी मौत

पूरे घटनाक्रम की छानबीन की तो पता चला कि कोरोना संक्रमित मरीज की भर्ती होने के दो दिन बाद मौत हो गई थी। पता न लिखा होने से उसे लावारिस में दफना दिया गया। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आ रही है। वहीं कोरोना से मौत के आंकड़े छिपाने की बात भी लोग आपस में कर रहे हैं। लेकिन हरीश की मृत्यु होने पर उसका शव भी परिवार के लोग नहीं देख पाए और लावारिस में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मामले में पयागपुर थानाध्यक्ष बृजानंद सिंह का कहना है कि पुलिस की छानबीन में ग्रामीण के मृत होने की जानकारी मिली है। एंबुलेंस के दोनों कर्मियों के विरुद्ध जांच के बाद केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।



\
Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story