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रायबरेली में पैसा देकर कोरोना पॉजिटिव लोग हो रहे निगेटिव, वीडियो हुआ वायरल
संविदा कर्मी का रुपये लेकर रिपोर्ट बनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया।
रायबरेली: कोरोना के बढ़ते मामलों और उनसे लगातार हो रही मौतों से हर कोई आहत है लेकिन इस मौके पर भी रिश्वत और घूसखोरी कम नही हो रही है। कोरोना जाँच रिपोर्ट बनाने और बनवाने वाले आपदा में अवसर बनाते हुए रुपये लेकर कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट बनाने से बाज नही आ रहे है।
ऐसा ही मामला डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के प्रभार वाले जिले रायबरेली में सामने आया है जहाँ पर सलोन सीएचसी में तैनात एक संविदा कर्मी ने रुपये लेकर कोविड की निगेटिव रिपोर्ट जारी कर दी।
बड़े पैमाने पर फर्जी कोरोना रिपोर्ट
संविदा कर्मी का रुपये लेकर रिपोर्ट बनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया। लेकिन इस वीडियो के सामने आने के बाद इतना तो तय की घूसखोरों ने रुपये के लालच में लोगो के स्वास्थ्य और जीवन के साथ खिलवाड़ किया और जिले में बड़े पैमाने पर फर्जी कोरोना रिपोर्ट जारी की।
चुनाव आयोग और जिला प्रशासन द्वारा मतगणना केंद्र पर मतगणना एजेंट की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट जरूरी किये जाने के बाद से ही जिले की सभी सीएचसी और जिला अस्पताल में प्रत्याशियों के समर्थकों में कोरोना निगेटिव रिपोर्ट बनवाने के लिए भीड़ लगने लगी।
लोग कोरोना के भय को भुला कर सोशल डिस्टेंस को ताक पर रखकर कोरोना जाँच करवाने पहुँच गए। लेकिन इसी बीच स्वास्थ्य कर्मियों ने चुनाव आयोग और जिला प्रशासन को धता बताते हुए रुपये लेकर कोरोना निगेटिव रिपोर्ट जारी करने लगे। रुपये लेकर कोरोना निगेटिव रिपोर्ट बनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया।
सलोन सीएचसी के इस वीडियो में सलोन ब्लाक की पकसरावां पंचायत के एक प्रधान प्रत्याशी ने सीएचसी सलोन में संविदा कर्मी रिजवान को 1500 रुपये देकर कोविड की निगेटिव रिपोर्ट बनवा ली, जिससे कि उसके मतगणना एजेंट वोटों की गिनती करवा सके।
इस वीडियो के सामने आने जिला प्रशासन हरक़त में आया और एसडीएम सलोन दिव्या ओझा ने 3 सदस्यीय टीम को मामले की जांच सौप दी वही स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा मामला होने पर सीएमओ डॉ वीरेंद्र सिंह ने भी जांच के बाद संविदा कर्मी पर कार्यवाही की कह रहे हैं।