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खतरे में यूपी: कहीं चुनाव व त्योहारी मौसम तो नहीं लाया कोरोना की दूसरी लहर
कोरोना की दूसरी लहर में आ रही लगातार तेजी कई सवाल खड़े कर रही है। आखिर क्या वजह है जो कोरोना का संक्रमण
नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर में आ रही लगातार तेजी कई सवाल खड़े कर रही है। आखिर क्या वजह है जो कोरोना का संक्रमण इस बार पहली बार से भी तेज गति से फैला। इसमें कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन, डबल म्यूटेंट के अलावा क्या रही वजहें। 2019 में आई इस महामारी को दिसंबर 2020 तक लोग यह मानकर चलने लगे थे कि अब इसकी विदाई हो गई। कोविशील्ड व कोवैक्सीन टीकाकरण को लोगों ने गलत ढंग से लिय़ा। टीका लगने के बाद लोगों ने कोविड गाइडलाइन को तोड़ना शुरू कर दिया। जबकि दोनो ही शत प्रतिशत कारगर नहीं थे।
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटे लोगों ने अपने रिश्तेदारों और गांव के करीबी लोगों को बुलाना शुरू कर दिया। बाहर से आए लोगों में तमाम असेम्टोमेटिक थे जिन्हें खुद नहीं पता था कि उनमें कोविड संक्रमण है।
जनसंपर्क के दौरान लोगों ने सामाजिक दूरी और मास्क का सही इस्तेमाल नहीं किया। लिहाजा असम्टोमेटिक लोगों के संपर्क में आने से संक्रमण बढ़ा।
होली का त्योहार मनाने बड़ी तादाद में लोग अपने घरों में वापस लौटे। जिनमें लक्षणविहीन कोरोना संक्रमित भी थे।
स्कूलों कालेजों को खोल देने से बच्चों और शिक्षकों में संक्रमण फैला। जिससे एक बड़ी आबादी संक्रमण की चपेट में आई।
आज सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश जबर्दस्त खतरे की चपेट में है। जिस रफ्तार से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं यदि आज से लोग मास्क व शारीरिक दूरी पर अमल शुरू करते हैं तो स्थिति नियंत्रित होने में कम से कम बीस दिन लगेंगे। इसलिए सामूहिक रूप से और तत्काल प्रभाव से कोविड गाइडलाइन का पालन करें। ताकि एक बड़े खतरे से हम बेहतर ढंग से निपट सकें।
सबसे महत्वपूर्ण बात मास्क और शारीरिक दूरी के नियम का पालन सभी को कम से कम तीन साल करना है। तभी हम इस जंग को जीत पाएंगे।