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झांसी में कोरोना प्रोटोकॉल का दिखा असर, नहीं दिखी भीड़, मार्ग रहे वन वे

कोविड-19 वैश्विक महामारी के संक्रमण के कारण लोग कोरोना प्रोटोकॉल का लोगों द्वारा पालन किया जा रहा है।

B.K Kushwaha
Reporter B.K KushwahaPublished By Monika
Published on: 25 April 2021 10:45 PM IST (Updated on: 25 April 2021 10:48 PM IST)
झांसी में कोरोना प्रोटोकॉल का दिखा असर, नहीं दिखी भीड़, मार्ग रहे वन वे
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झांसी में कोरोना प्रोटोकॉल का लोगों ने किया पालन  (फोटो : सोशल मीडिया )

झांसी: कोविड-19 (Coronavirus) वैश्विक महामारी के संक्रमण के कारण लोग कोरोना प्रोटोकॉल (Corona protocol) का लोगों द्वारा पालन किया जा रहा है। लॉकडाउन (Lockdown) के आज दूसरे दिन महानगर के अधिकांश मार्ग वन वे (One way) रहे। कुछ मार्ग पूरी तरह से बंद कर दिए गए। हालांकि जो लोग आवश्यक कार्य से निकले उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। सब्जी वाले अपने चार पहिया ठेले पर सब्जी बेचते रहे। वहीं कुछ मेडिकल स्टोर (Medical Store) भी खुले रहे, जहां लोग दवाईयां लेते रहे। जीवनशाह से इलाइट जाने वाला मार्ग आज भी वन वे रहा। इलाइट से झोकनबाग जाने वाला मार्ग पूरी तरह बंद, इलाइट से जेल चौराहा, कचहरी वाला मार्ग वन से रहा। बसस्टैण्ड से सिराला चुंगी वाला मार्ग भी वन वे रहा। इसी तरह इलाइट से बीकेडी मार्ग, इलाइट से सीपरी, रेलवे स्टेशन मार्ग, बीकेडी से चित्रा सीपरी मार्ग, जेल चौराहा से हंसारी, बिजौली वाला मार्ग भी वन वे रहा है।

रेलवे स्टेशन पर भी नहीं दिखी ज्यादा भीड़ (फोटो : सोशल मीडिया )

इलाइट चौराहा पर प्राय: भीड़भाड़ रहती है लेकिन लॉकडाउन में ऐसा नहीं देखा गया शुक्रवार की शाम 8 बजे से जनता कर्फू लागू किया गया है। प्रोटोकॉल नियमों का पालन करते लोग दिखे, कोविड-19 महामारी के संक्रमण से मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे लोगों खौफ दिखने लगा अनावश्यक रूप से लोग आवारा गर्दी करते बहुत कम दिखे, कुछ क्षेत्रों में भी लोग अपने दुकानों व मकानों के सामने बैठ रहे और एक दूसरे से बतयाते देखे गए। हालांकि कोरोना संक्रमण से हर आदमी के अंदर खौंफ है। इससे वह अब आवश्यक कार्य से ही घरों से निकल रहे है। यदि काम नहीं है तो वह अपने घर में ही दुबके रहते है। इक्का, दुक्का दुकानें गली कूचों में खुली देखी गई।

कोरोना टेस्टिंग करते लोग (फोटो : सोशल मीडिया )

कोरोना से वापस लौटा पुराना दौर

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच बुंदेलखंड में लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं जिस वजह से सरकार ने वीकेंट लॉकडाउन एक बार फिर से लगाना पड़ा है। प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए इस लॉकडाउन के बाद लोगों के दिल में एक बार फिर से 2020 में लगे लॉकडाउन की यादें ताजा हो गई है। इस दौरान लोगों के सामने रोजी-रोटी का भी संकट खड़ा हो गया था।

प्रदेश में इस बार वीकेंड लॉकडाउन लग चुका है, लेकिन लोग इस बार इस कोरोना को हारने की तैयारी कर चुके हैं। तो आइये जानते हैं कि किस तरह से बुन्देलखंड के लोग इस बार कोरोना से जंग जीतेंगे।

मार्गों पर सैनिटाइजर का छिडकाव (फोटो : सोशल मीडिया )

वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू से टूटेगी संक्रमण चेन

प्रदेश सरकार ने शनिवार और रविवार को लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा रोजाना नाइट कर्फ्यू भी लागू है। इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सारी सेवाएं बंद रहेंगी, लोगों के घर से निकलने पर पाबंदी रहेगी।

यह जारी हुए थे निर्देश

-आवश्यक सामग्री की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकानें बंद रहेंगी।

-भारत सरकार, राज्य सरकार और निजी क्षेत्र के चिंहित कार्यालय को छोड़ सभी कार्यालय बंद रहेंगे।

-धार्मिक स्थल खुले रहेंगे लेकिन श्रद्धालुओं की उपस्थिति प्रतिबंधित रहेगी।

-कोई भी व्यक्ति अनुमति प्राप्त कार्यों को छोड़कर अपने घर से बाहर नहीं निकलेगा।

-5 से अधिक व्यक्तियों का कहीं भी एकत्रित होना वर्जित रहेगा।

भविष्य की राह नहीं है आसान

इसमें कोई शक नहीं है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन का ऐलान किया है, लेकिन कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन कोई हल नहीं हैं। इसके अलावा इससे लोगों के जीवन पर भी असर पड़ता है। ऐसे में सरकार के सामने भविष्य को लेकर भी कई सवाल खड़े हैं। फिलहाल सरकार कोरोना रोकथाम के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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