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Coronavirus in UP: योगी सरकार को मोतियाबिन्द, नहीं दिख रही कोविड मौतें- अजय लल्लू
प्राथमिक शिक्षकों की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर उनके परिजनों को मुआवजा देने और सरकारी नौकरी की मांग पर राज्य सरकार के रुख पर विपक्षी दल लगातार हमलावर हो रहे हैं।
Corona virus- प्राथमिक शिक्षकों (Primary teachers) की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर उनके परिजनों को मुआवजा देने और सरकारी नौकरी की मांग पर राज्य सरकार के रुख पर विपक्षी दल लगातार हमलावर हो रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के में कूद जाने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी राज्य सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Congress Committee President Ajay Kumar Lallu) ने योगी सरकार ( yogi Government) द्वारा पंचायत चुनाव (Panchayat Election) ड्यूटी के दौरान कोरोना (corona ) संक्रमण के शिकार होकर जान गंवाने वाले मृतक शिक्षकों की संख्या कम बताने व मृतक शिक्षकों की संख्या को झुठलाने व छुपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार संवेदनहीनता और बेशर्मी की पराकाष्ठा पार कर चुकी हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षक संगठनों द्वारा मृतक शिक्षकों की संख्या 1621 बताकर पूरी सूची जारी की गयी है वहीं 200 शिक्षा मित्रों, 99 अनुदेशकों व रसोइयों की मौतें भी हुई हैं जिसे सरकार स्वीकार करने को तैयार नहीं है। पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान शिक्षकों के साथ-साथ माध्यमिक शिक्षकों, पंचायत मित्रों, सफाईकर्मियों सहित ग्राम्य व राजस्व विभाग से सम्बन्धित तमाम कर्मचारियों की मौत की भी दुःखद सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं और सरकार इसे झुठलाते हुए मात्र 3 मौतें होना बता रही है जो कि बहुत ही दुःखद है। योगी सरकार मृतक शिक्षकों के परिवारों को अनुदान व आश्रितों को नौकरी देने से बचने के लिये लगातार झूठ बोलकर संख्या कम बताकर अमानवीयता का सबूत दे रही है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान प्रशिक्षण, मतदान व मतगणना के दौरान संक्रमण के शिकार हुए शिक्षकों को मतदान व मतगणना के दिन हुई मौत ही दिखायी दे रही है, बाकी मृतकों की जिम्मेदारी लेने से सरकार क्यों भाग रही है? उन्होंने कहा कि सरकार को पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान सभी शिक्षकों, राज्य कर्मियों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व रसोइयों की मौत की जिम्मेदारी लेते हुए एक समान अनुदान व प्रत्येक मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी देनी होगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान जिस तरह मतदान, मतगणना के साथ उसके प्रशिक्षण के दौरान कोरोना संक्रमित होकर 1600 से अधिक शिक्षकों, 300 से अधिक शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व रसोइयों की दुःखद मौतें हुई हैं, उसके लिये राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है और सरकार इसकी जिम्मेदारी लेने से नहीं बच सकती। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार की आंख में मोतियाबिन्द हो चुका है। उसे कोरोना महामारी से हुई दुःखद मौतें नहीं दिख रही हैं। कोरोना महामारी के दूसरी लहर में चार विधायक और अभी कल ही एक मंत्री की कोरोना महामारी से दुःखद मौत हो गयी है। क्या योगी सरकार इसे भी झुठला सकती है?