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कोरोना ने फीका किया होली का रंग, चाइनीज आइटम से परहेज

seema
Published on: 6 March 2020 9:13 AM GMT
कोरोना ने फीका किया होली का रंग, चाइनीज आइटम से परहेज
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आशुतोष सिंह

वाराणसी: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है। सरकारें दहशत में हैं। कोरोना से निपटने के लिए तरह-तरह की तरकीब निकाले जा रहे हैं। जानलेवा संक्रमण से बचाव के लिए एहतिहात बरते जा रहे हैं। भारत में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है। ताजनगरी आगरा में 6 सैलानियों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई तो राज्य सरकार के होश उड़ गए। इस बीच उन शहरों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है, जहां विदेशी पर्यटकों की आमद सबसे अधिक होती है। इन्हीं शहरों में एक वाराणसी भी है। कोरोना वायरस से बचने के लिए बनारस में जिला प्रशासन अलर्ट है। हालांकि अभी तक कोई संदिग्ध नहीं मिला है, बावजूद इसके जिला प्रशासन कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है।

कोरोना वायरस का साइड इफेक्ट

कोरोना वायरस का साइड इफेक्ट भी दिखने लगा है। सबसे अधिक प्रभाव पर्यटन उद्योग पर देखने को मिल रहा है। कोरोना वायरस के खौफ के चलते देशी-विदेशी सैलानियों ने अपना टूर पैकेज कैंसिल कराना शुरू कर दिया है। आलम ये है कि पिछले 10 दिनों के अंदर 35 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल हो चुकी है। आने वाले दिनों में आंकड़ा और बढऩे की आशंका जाहिर की जा रही है। सैलानियों की संख्या में कमी से पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग निराश है।

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एक अनुमान के मुताबिक बुकिंग कैंसिल होने के चलते नुकसान का आंकड़ा 30-40 करोड़ पार कर चुका है। जानकार बता रहे हैं कि सैलानियों के बीच बनारस की होली का अलग क्रेज है। घाटों पर खेली जाने वाली होली के लिए खास तौर से सैलानी वाराणसी पहुंचते हैं। यहां की ठंडई और भांग का स्वाद पर्यटकों को खूब भाता है। लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार लोग अपने घरों में ही महफूज रहना चाहते हैं। सैलानियों की दूरी से नाविक, घाट किनारे के रेस्टोरेंट और गेस्ट हाउस संचालक भी परेशान हैं। नाविक शंभू कहते हैं कि देव दीपावली के बाद होली पर सबसे ज्यादा बुकिंग होती है। लेकिन कोरोना वायरस ने होली का रंग फीका कर दिया है। बुकिंग धड़ाधड़ कैंसिल हो रही है।

होली पर मार्केट में चाइनीज पिचकारी और रंग-गुलाल में छाया रहता था। लेकिन इस बार सन्नाटा पसरा है। दुकानें सजी हुईं हैं, लेकिन खरीदार गायब हैं। कोरोना वायरस की दहशत से लोग चाइनीज आइटम से दूरी बना रहे हैं। लोगों के बीच डर इस कदर है कि लोग चाइनीज आइटम से ही कतरा रहे हैं। ऐसे में महीनों पहले चाइनीज आइटम डंप कर होली का इंतजार कर रहे दुकानदारों को मायूसी हाथ लगी है। बनारस के दालमंडी और हड़हा सराय इलाके में सबसे ज्यादा चाइनीज आइटम की बिक्री होती है। लेकिन कोरोनो के चलते यहां के बड़े व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। दरअसल इन्हीं दोनों इलाकों से पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में चाइनीज पिचकारी और रंग-गुलाल की सप्लाई होती है। फिलहाल यहां व्यापार लगभग ठप पड़ा है।

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कोरोना ने रोकी काबा की उड़ान

कोरोना से खौफजदा सऊदी सरकार ने उमरा करने पर 31 मार्च तक पाबंदी लगा दी है। इससे जायरीनों में मायूसी संग धन डूबने की आशंका भी सता रही है। उमरा के लिए दो-तीन महीने पहले ही लोगों ने ट्रैवेल एजेंसियों को पूरे धन का भुगतान कर दिया था। अब उन्हें अपने रुपये की चिंता हो रही है। बनारस से हर साल करीब पांच हजार लोग उमरा करने जाते हैं। बेनियाबाग के अफरोज अपनी पत्नी के साथ उमरा के लिए मुम्बई की ट्रैवेल एजेंसी को प्रति व्यक्ति 44 हजार रुपये दिए थे। एक हफ्ते बाद होने वाली उड़ान के लिए तैयारी पूरी हो गई थी। इस बीच उमरा पर रोक से परिवार निराश है। सेंट्रल हज कमेटी से जुड़े लोगों के मुताबिक किसी का धन नहीं डूबेगा। जायरीन सब्र रखें, स्थिति सामान्य होड़ ही यात्रा पूरी होगी।

इस बीच बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर थर्मोग्राफीक कैमरा से कोरोना वायरस से पीडि़त मरीजों की जांच करने की व्यवस्था की जा रही है। भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण, नागर विमानन महानिदेशालय और ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन द्वारा स्थानीय अधिकारियों से रोज की रिपोर्ट मांगी जा रही है। पिछले महीने एयरपोर्ट पर जांच करने आई केंद्रीय स्वास्थ्य टीम के माध्यम से थर्मोग्राफिक कैमरा का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया था।

अलर्ट मोड में स्वास्थ्य विभाग

दिल्ली और आगरा समेत कई राज्यों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के मिलने की जानकारी के बाद से ही बनारस में दहशत का माहौल है। संक्रमण क्षेत्र का दायरा बढऩे की आशंका को लेकर स्थानीय स्वास्थ्य महकमा सक्रिय है।

सीएमओ डॉक्टर वीबी सिंह ने अस्पतालों को हाई अलर्ट मोड में रहने का फरमान जारी किया है। बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल समेत शहर के सभी बड़े अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाने के साथ ही प्राइवेट हॉस्पिटल में भी बेड रिजर्व करा दिया गया है। एयरपोर्ट पर हेल्प डेस्क तैयार कर वहां 24 घंटे डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है। इसके अलावा पैरा मेडिकल स्टाफ भी मौजूद रहेंगे। सीएमओ वीबी सिंह के अनुसार एयरपोर्ट पर तैनात चिकित्सकों की टीम दिल्ली, आगरा और अन्य विदेशों से आने वाले पर्यटकों खासकर विदेशी सैलानियों की जांच कर रही है।

हालांकि रेल प्रशासन इस तरह के खतरों से बेपरवाह बना हुआ है। शहर के मंडुवाडीह, कैंट स्टेशन, सिटी रेलवे स्टेशन और सारनाथ स्टेशन पर संदिग्ध यात्रियों की जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां पर रोग परखने की कोई व्यवस्था नहीं है। कैंट स्टेशन पर प्रतिदिन 800 के आसपास विदेशी सैलानी आते हैं, लेकिन अलर्ट का कोई असर यहां नहीं दिख रहा है।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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