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यूपी में RTPCR टेस्टिंग के लिए बनेंगी 12 लैब, सरकार ने दिए ये निर्देश
उत्तर प्रदेश के एक दर्जन जिलों में टेस्टिंग लैब बढ़ाई जाएगी। ताकि लोगों को टेस्टिंग के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े।
लखनऊ: यूपी में कोरोना संक्रमितों की बढती संख्या के कारण लगातार टेस्टिंग केन्द्रों में लाइनें लग रही हैं। ऐसे में लोगों को टेस्टिंग के लिए किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए प्रदेश की योगी सरकार टेस्टिंग लैब बढ़ाने जा रही है। प्रदेश के एक दर्जन जिलों में टेस्टिंग लैब बढ़ाई जाएगी। जिन जिलों में आरटीपीसीआर टेस्टिंग बढ़ाने का फैसला लिया गया है, उनमें अमेठी, औरैया, बिजनौर, कुशीनगर, देवरिया, मऊ, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, बुलन्दशहर, सीतापुर, महोबा तथा कासगंज शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'टेस्ट, ट्रेस, ट्रीट' के लक्ष्य के अनुरूप कोविड-19 के नियंत्रण की प्रभावी कार्यवाही को जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी जिलों में कोविड बेड तथा ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखा जाए।
कोविड बेड्स की संख्या बढ़ाने के निर्देश
मुख्यमंत्री आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी तथा प्रयागराज पर विशेष ध्यान देते हुए चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। साथ ही हर जिले में एल-2 तथा एल-3 श्रेणी के कोविड बेड्स की संख्या बढ़ायी जाए। सभी जिलों में ऑक्सीजन की सुचारु उपलब्धता हर हाल में बनी रहे।
सीएम योगी ने कहा कि निजी मेडिकल काॅलेजों में कोविड चिकित्सालयों के संचालन के लिए नियमित माॅनिटरिंग की जाए। इन अस्पतालों के लिए आवश्यकतानुसार चिकित्साकर्मियों के साथ-साथ अन्य मेडिकल संसाधनों की भी व्यवस्था करायी जाए। इस बात का ध्यान दिया जाए कि कोविड बेड में निर्धारित मानकों के अनुरूप ऑक्सीजन अथवा वेन्टिलेटर एवं हाई फ्लो नेजल कैन्युला (एचएफएनसी) की उपलब्धता रहे।
संक्रमण की चेन तोड़ने में टेस्टिंग की अहम भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में टेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले कुछ दिनों में प्रतिदिन कम से कम 1.5 लाख टेस्ट आरटीपीसीआर विधि से हो। आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या को बढ़ाने के लिए केजीएमयू तथा आरएमएलआईएमएस की टेस्टिंग क्षमता को दोगुना किया जाए। स्वशासी मेडिकल काॅलेजों में आरटीपीसीआर के माध्यम से जांच की व्यवस्था की जाए। उपलब्ध अवस्थापना से नई मशीनों को जोड़ते हुए आरटीपीसीआर टेस्टिंग क्षमता बढ़ायी जाए। आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या में वृद्धि के लिए अधिक से अधिक निजी प्रयोगशालाओं को जोड़ा जाए।