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कोरोना वायरसः तो सिविल कोर्ट में किसी को नहीं जाने देगी सेंट्रल बार

सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ ने कल 19 मार्च को सिविल कोर्ट परिसर में किसी भी व्यक्ति को प्रवेश न करने देने का अल्टीमेटम दिया है। एसोसिएशन ने कहा है कि यदि कोरोनावायरस से बचाव के प्रबंध कल सुबह तक नहीं किए गए तो परिसर में किसी भी व्यक्ति को न्यायालय में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।

राम केवी
Published on: 18 March 2020 4:00 PM GMT
कोरोना वायरसः तो सिविल कोर्ट में किसी को नहीं जाने देगी सेंट्रल बार
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लखनऊः सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ ने कल 19 मार्च को सिविल कोर्ट परिसर में किसी भी व्यक्ति को प्रवेश न करने देने का अल्टीमेटम दिया है। एसोसिएशन ने कहा है कि यदि कोरोनावायरस से बचाव के प्रबंध कल सुबह तक नहीं किए गए तो परिसर में किसी भी व्यक्ति को न्यायालय में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इस पत्र की प्रतिलिपि जनपद न्यायाधीश, जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारी को भेजी गई है।

यह जानकारी देते हुए सेंट्रल बार एसोसिएशन के महासचिव संजीव पांडे ने बताया कि सेंट्रल बार की आपात बैठक शाम 4:00 बजे बार के अध्यक्ष आदेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन संजीव पांडे ने किया। इस बैठक में कहा गया कि कोरोनावायरस को लेकर सिविल कोर्ट परिसर में अभी तक बचाव की कोई व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन या जनपद न्यायाधीश द्वारा पूर्ण नहीं किए जाने से अधिवक्ताओं में गहरा रोष है।

संजीव पांडेय ने कहा कि अधिवक्ताओं, वादकारियों, न्यायिक अधिकारियों व कर्मचारियों के कोरोना वायरस से बचाव के लिए थर्मल स्कैनिंग व सेनीटाइजर की व्यवस्था सुबह 10:00 बजे तक यदि नहीं कराई गई तो न्यायालय को लाक डाउन कर दें अन्यथा सेंट्रल बार एसोसिएशन किसी को भी न्यायालय में प्रवेश नहीं करने देगी।

इस बीच जनपद न्यायाधीश ने एक आदेश में कहा है कि उच्च न्यायालय से नोबेल कोरोनावायरस का प्रसार रोकने रोकने के लिए जारी जरूरी दिशा निर्देशों का संज्ञान का संज्ञान निर्देशों का संज्ञान रखते हुए जनपद न्यायालय में 19 मार्च, 20 मार्च व 21 मार्च को नियत समस्त वादों का निस्तारण क्रमशः 3 अप्रैल, 4 अप्रैल व 6 अप्रैल को किया जाएगा। इन वादों में जमानत आदि अर्जेंट प्रार्थना पत्र शामिल नहीं है।

राम केवी

राम केवी

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