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सरकार की खुली पोल: कोरोना वारियर को भी हुआ कोरोना, स्वाथ्य विभाग में हड़कंप

कोरोना के संकटकाल में स्वास्थ्यकर्मियों को लोग भगवान का दर्जा दे रहे है, जो अपनी परवाह न करके लोगों की जान बचाने का काम कर रहे हैं ।

Newstrack
Published on: 16 July 2020 7:52 AM GMT
सरकार की खुली पोल: कोरोना वारियर को भी हुआ कोरोना, स्वाथ्य विभाग में हड़कंप
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बाराबंकी: कोरोना के संकटकाल में स्वास्थ्यकर्मियों को लोग भगवान का दर्जा दे रहे है, जो अपनी परवाह न करके लोगों की जान बचाने का काम कर रहे हैं । बाराबंकी में लोगों की जान बचाते-बचाते एक स्वाथ्यकर्मी कोरोना का मरीज बन गया और जब वह लेवल 1 के अस्पताल में भर्ती हुआ, तो वहाँ की व्यवस्था और अपने प्रति व्यवहार देख कर अस्पताल से एक वीडियो वायरल कर लचर स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़ा कर देता है जिससे अधिकारियों में हड़कम्प मच जाता है । इस वीडियो पर प्रशासन का पक्ष रखते हुए जिले के सीएमओ ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मी की अपेक्षाएं बढ़ी हुई है और इसी वजह से वह वीडियो जारी कर रहा है ।

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चन्द्रा हॉस्पिटल की सेवाओ का बखान जिले के हर अधिकारी की जुबान पर होता है

बाराबंकी के L-1 के अस्पताल चन्द्रा हॉस्पिटल की सेवाओ का बखान जिले के हर अधिकारी की जुबान पर होता है मगर आज उसकी सेवाओ की उस वक्त पोल खुल गयी जब कोरोना संक्रमित हुए एक स्वास्थ्य कर्मी ने अस्पताल से वीडियो जारी कर यहाँ की व्यवस्थाओ पर गम्भीर सवाल खड़े कर दिए । देवा सीएचसी में कार्यरत एक वार्ड बॉय कोरोना के मरीजो की सेवा करते-करते खुद कोरोना संक्रमित हो गया और जिला प्रशासन ने उसे L-1के हिन्द अस्पताल में भर्ती करवा दिया ।

इस अस्पताल की दुर्दशा देख कर इस स्वास्थ्यकर्मी ने एक वीडियो जारी कर यहाँ की स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं की पोल खोल दी । इस वीडियो में कोरोना संक्रमित वार्ड बॉय ने किसी प्रकार की सुविधा न होने का आरोप लगाया है और उसने यहाँ तक कहा कि दो दिन से वह भर्ती है उसे कोई देखने नही आया है । स्वास्थ्यकर्मी के आरोपो वाले इस वीडियो के बाद जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया और इसकी सफाई देने खुद जिले के सीएमओ सामने आए ।

बाराबंकी के सीएमओ ने इस मामले में कहा

बाराबंकी के सीएमओ ने इस मामले में कहा कि यह वार्ड बॉय ने काफी मेहनत की है और इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है । इसकी रिपोर्ट तो पॉजिटिव है मगर यह लक्षण विहीन है और ऐसी दशा में बहुत ज्यादा देखभाल जरूरी नही होती जो जरूरी है वह उपचार उसे दिया जा रहा है । इस अस्पताल में जिले के बेसिक शिखा अधिकारी भी भर्ती है और उन्होंने प्राइवेट वार्ड ले रखा है , यह भी वैसा ही अलग कमरा चाहता था जो नही मिला इस कारण उसने वीडियो जारी किया है ।

इस वार्डबॉय की अपेक्षाएं ज्यादा है और जब वह नही पूरी हो रही तो सवाल खड़ा कर रहा है । सरकार का जो निर्देश है कि हर मरीज को अलग बेड , खाना और नाश्ता के साथ जरूरी उपचार दिया जाए वह दिया जा रहा है । जहाँ तक पीपीई किट न मिलने की बात है तो यह किट उसे ही दी जाती है जो सैंपलिंग करता है वार्डबॉय के लिए किट जरूरी नही होती है । चन्द्रा अस्पताल प्राइवेट है जिसे जिलाधिकारी के आदेश पर एक्वायर किया गया है शेष सारा स्टाफ सरकारी है ।

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कुछ भी हो अगर वार्डबॉय के आरोप सही है तो प्रशासन को इस पर गम्भीरता से ध्यान देना चाहिए और व्यवस्थाओं में सुधार करवाना चाहिए , सिर्फ आरोपों को झुठला देना मामले की इतिश्री नही हो सकता बल्कि वायरल वीडियो के आरोपो पर ध्यान भी देना चाहिए ।

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