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स्वास्थ्य महकमे में बड़ा घोटाला: अधिकारी के खाते में भेजे गए लाखों रुपए

घपले व घोटाले को लेकर सूबे में कुख्यात बलिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में एक नया कारनामा सामने आया है।

Anoop Hemkar
Written By Anoop HemkarPublished By Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 9 May 2021 12:55 PM GMT (Updated on: 9 May 2021 12:57 PM GMT)
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फोटो— (साभार— सोशल मीडिया)

बलिया। घपले व घोटाले को लेकर सूबे में कुख्यात बलिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में एक नया कारनामा सामने आया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत पचास लाख रुपये की धनराशि स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के व्यक्तिगत खाता में स्थानांतरित कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

आपदा में अवसर, इस स्लोगन को चरितार्थ करने में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जुट गए हैं। वैश्विक महामारी कोविड को लेकर आम लोग परेशान हाल हैं, इस आपदा के समय में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी घपले व घोटाले के जरिए अवसर तलाश रहे हैं।

जिले के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आरसीएच व जिला कार्यक्रम प्रबन्धक, डीपीएमयू ने गत 30 मार्च, 2021 को एक पत्र शाखा प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक, कृषि विकास शाखा, तिखमपुर, बलिया को भेजा तथा जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई, एनएचएम के खाता से पचास लाख रुपये की धनराशि नेट बैंकिंग से हस्तांतरित न होने का हवाला देकर जिला लेखा प्रबंधक विनोद कुमार के खाता में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि शासकीय धनराशि किसी के निजी खाता में ट्रांसफर नहीं की जा सकती, लेकिन स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों को नियम कानून से क्या वास्ता। आरोप है कि इस शासकीय धनराशि का बंदरबांट कर लिया गया है।


एनएचएम के जिला परियोजना प्रबन्धक डॉ. आरबी यादव, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार तिवारी, लेखा सहायक सचिन कुमार गुप्ता व राज्य सरकार की तरफ से परियोजना की मॉनिटरिंग करने वाले विनोद कुमार घोटाले के सूत्रधार के रूप में उभरे हैं। हालांकि एनएचएम के जिला परियोजना प्रबन्धक डॉ. आरबी यादव इस पर सफाई देते हुए कहते हैं कि नेट बैंकिंग के वजह से धन का स्थानांतरण किया गया है। उन्होंने बताया कि 294 कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि में गत 8 अप्रैल को ही यह धनराशि जमा हो गया है। इसमें कोई अनियमितता या घोटाला नहीं हुआ है।

जिला परियोजना प्रबन्धक डॉ. आरबी यादव भले ही सफाई दें, लेकिन किसी सरकारी कर्मी के व्यक्तिगत खाता में शासकीय धनराशि को स्थानांतरित किया जाना आम लोगों के गले से नीचे नहीं उतर पा रहा है। इसे घोटाले के रूप में ही देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग में इस घोटाले की जमकर चर्चा है। इस घोटाले की गूंज प्रदेश शासन तक पहुंच गई है। जिला प्रशासन ने इस मामले की जानकारी होते ही इसे गम्भीरता से लिया है तथा इसकी जानकारी के आदेश दिए हैं।

जिलाधिकारी अदिति सिंह ने आज बताया कि उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी प्रवीण वर्मा ने बताया कि उनके द्वारा जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। समिति में मुख्य चिकित्सा अधिकारी व वरिष्ठ कोषाधिकारी को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि जांच समिति से शीघ्र जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जायेगी। सभी की निगाहें जिला प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हुई है।

Raghvendra Prasad Mishra

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