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Coronavirus: चुनाव के बाद स्थिति हुई खराब, एक ही गांव में 48 मौतों से दहशत

सुल्तानपुर के एक ही गांव में पिछले 1 महीने के अंदर 3 दर्जन से अधिक मौतों ने लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।

Fareed Ahmed
Reporter Fareed AhmedPublished By Ashiki
Published on: 21 May 2021 4:27 PM IST
Coronavirus
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Photo-Social Media

सुल्तानपुर: यूपी में आंशिक कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) लगने से शहरी क्षेत्रों में तो संक्रमण में गिरावट आने लगी है, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना (Coronavirus) अब शहरी क्षेत्रों से हट कर ग्रामीण क्षेत्रों में अपने पांव पसारने लगा है, तेजी से ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ने वाली मौत की संख्या में इजाफा होने के कारण अब ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल छा गया है। सु ल्तानपुर जिले के लंभुआ विधानसभा का तातो मुरैनी गांव इसी कोरोना के कहर का शिकार हो गया है। पिछले 1 महीने के अंदर ही इसी ग्राम सभा में 3 दर्जन से अधिक मौतों ने दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।

नहीं पहुंच रही स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम

बीते दिनों की मौत को लेकर इस गांव में दहशत इस कदर है कि लोग घरों से ही नहीं निकल रहे हैं। मुस्लिम बहुल गांव तातो मुरैनी में बीते माह तेज बुखार और सांस फूलने की वजह से हो रही सिलसिलेवार मौत लोगों के लिए किसी कहर से कम नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव में अभी तक स्वास्थ्य विभाग की कोई भी टीम झांकने तक नहीं आई है।

एक ही गांव में 48 मौत

गांव में ही रहने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ती अख़्तरी बानो कहती है कि इस गांव में कोई भी स्वस्थ विभाग की टीम नहीं और किसी ने कोई भी जाँच नहीं करायी वो कहती है। इस गाँव में अब तक 48 मौत हो चुकी है, जिसकी काउंटिंग की गयी है। उन्हें सर्दी-जुखाम था और अस्पताल पहुँचते-पहुँचते मर गए। वो ये भी बताती हैं की गाँव में एक बार लोगों ने लम्भुआ के उप जिला अधिकारी को जांच के लिए लिखा था और उसके बाद लेखपाल की टीम जांच के लिए आयी थी, लेकिन रमज़ान होने की वजह से बहुत से लोगो ने जांच ही नहीं करवाई।

इस गांव में हुई संदिग्ध मौतों को लेकर प्रशासन का यह रवैया बेहद ही उदासीन हैं। गांव के ही रहने वाले शमशुद्दीन कहते है की गाँव में कोई भी सरकारी आदमी जांच करने नहीं आया वो लोग डरे हुए हैं। कोरोना से मौत का आंकड़ा तो ये सिर्फ एक गांव है। कुछ ऐसे ही हालात यूपी के अन्य गांव के भी हो गए हैं। शहरी क्षेत्रों के अलावा जिस तरह से ग्रामीण अंचलों में इतनी तेजी से मौतों के आंकड़ों में इजाफा हुआ है वह बेहद चौंकाने वाला है। दरअसल, सरकारी आंकड़ों ने इन मौतों का कोई भी ज़िक्र नहीं है। शायद यही वजह है कि सरकार की तरफ से दर्शाए जा रहे कोरोना से मौत के आंकड़ों पर सवालिया निशान लग गया है।

वहीं दूसरी ओर कोरोना कर्फ्यू का असर यूपी के शहरों में दिखने लगा है। गुरुवार को संक्रमण दर घटकर दो फीसद से भी नीचे आ गई। रिकवरी रेट भी 96 फीसद चल रही है। साथ ही सक्रिय मरीजों की संख्या में भी तेजी से कमी आ रही है। हालांकि, मौतें नहीं थमने से स्वास्थ्य विभाग के सामने चुनौती बरकरार है लेकिन गांव की स्थिति बिगड़ती जा रही है।



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Ashiki

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