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लोहिया संस्थान में नर्स ने कोरोना मरीज को इंजेक्शन लगाने से किया मना!
लोहिया संस्थान में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल में कोरोना मरीज को नर्स इजेक्शन लगाने से इंकार कर दिया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना बेकाबू हो गया है। प्रदेश में कोरोना के नए मामलों का हर रोज नया रिकाॅर्ड बन रहा है। उत्तर प्रदेश में राजधानी का लखनऊ में हालत गंभीर है। अब इस बीच लोहिया संस्थान में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल में कोरोना मरीज को नर्स इजेक्शन लगाने से इंकार कर दिया और तमीरदार को ही लगाने के लिए इजेक्शन पकड़ा दिया। हालांकि अस्पताल ने इन आरोपों को गलत बताया है।
पीड़ित ने बताया कि पिता को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद वह डॉक्टर को खोजने के लिए गया, तो कमरा खाली था। उसने कुछ देर इंतजार किया, लेकिन हालत लगातार बिगड़ रही थी। उसने बताया कि ऐंबुलेंस के आने का इंतजार भी था, ताबिक दूसरे कोरोना अस्पताल में शिफ्ट कर सकें, लेकिन ऐंबुलेंस का कोई पता नहीं था।
''नर्स ने कोरोना मरीज को इंजेक्शन लगाने से किया मना''
इसके बाद पीड़ित ने नर्स से गुजारिश की तो उसने कोरोना मरीज के पास जाने से मना कर दिया और उसे ही इंजेक्शन थमा दिया। जब पीड़ित ने पूछा तो कहा कि तुम खुद इंजेक्शन लगा दो। पीड़ित ने आगे कहा कि उसने कांपते हुए हाथों से नर्स के बताए तरीके से पिता को इंजेक्शन लगाया, लेकिन हालत नहीं सुधरी। कुछ देर बाद तबीयत और खराब हो गई, लेकिन बुलाने के बावजूद कोई डॉक्टर नहीं आया और इलाज के इंतजार में ही पीड़ित के पिताजी की मौत हो गई।
अस्पताल ने आरोपों का बताया गलत
इस मामले को लेकर 'न्यूज़ट्रैक' ने जब लोहिया संस्थान के जिम्मेदार अधिकारियों से बात की, तो संस्थान के मीडिया प्रभारी डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि 'यह घटना चार दिन पुरानी है। उनके द्वारा लगाए गए आरोपों में कोई सत्यता नहीं है। मरीज भर्ती था। उसका इलाज चल रहा था। पहले नेगेटिव (कोविड) आया था, फिर पॉजिटिव आया। उसके बाद भी ट्रीटमेंट चल रहा था। क्योंकि कोविड रिपोर्ट को आने में तो वक्त लगता ही है, इसलिए ट्रीटमेंट तो चल ही रहा था। नर्स के ऊपर भी लगाए गए आरोपी बेबुनियाद हैं। पेशेंट का नाम हीरा सिंह था।
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