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Coronavirus: महीनों पड़ रहा मोर्चरी में संक्रमित शव, परिवार वाले नहीं चुका पाएं 15,000 रुपए

Coronavirus: कोरोना की दूसरी लहर ने बीते कुछ महीनों पहले त्राही-त्राही मचा दी थी। लोग मर रहे थे, ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे थे। अस्पताल में कोई बेड नहीं था।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 2 July 2021 10:11 AM GMT
The dead body of the person
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शव (संकेतित फोटो)(फोटो-सोशल मीडिया)

Coronavirus: देश में कोरोना की दूसरी लहर ने बीते कुछ महीनों पहले त्राही-त्राही मचा दी थी। लोग मर रहे थे, ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे थे। अस्पताल में कोई बेड नहीं था। एक तरफ कोरोना के मरने वालों का आकड़ा रूकने का नाम नहीं ले रहा था, तो दूसरी तरफ मृतकों के परिजनों को शव लेने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसी ही एक घटना हापुड़ से सामने आई है।

यहां कोरोना से मरे व्यक्ति के शव को डेढ़ महीने तक मोर्चरी में अस्पताल वालो ने रखा रहा। परिवार वालों को शव नहीं दिया गया। असल में 15 मई के दिन बिहार के रहने वाले एक व्यक्ति को मेरठ के निजी अस्पताल में कोरोना की पुष्टि हुई थी। जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।

शव छोड़ा अस्पताल में

बताया जा रहा कि मृतक अपने भाई व पत्नी के साथ हापुड़ में किराए पर रहता था। लेकिन कोरोना से मौत के बाद अस्पताल ने शव देने के लिए 15 हजार रुपए मांगे थे। पर परिजनों के पास पैसे न होने की वजह से वह लोग शव अस्पताल में छोड़कर बिहार लौट गए।

जिसके बाद अस्पताल द्वारा शव हापुड़ जिला अस्पताल भिजवा दिया गया। तब से बिहार के व्यक्ति का शव जीएस मेडिकल की मोर्चरी में रखा था। फिर पुलिस ने सर्विलांस के जरिए परिजनों की तलाश की। और गुरुवार शाम मृतक की पत्नी बच्चे के साथ चोरखी पहुंची। जिसके बाद नीर फाउंडेशन की मदद से शव का अंतिम संस्कार कराया गया। शव का डेढ़ महीने बाद अंतिम संस्कार कराया गया।

Vidushi Mishra

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