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कोरोना संकट के बाद भी लॉकडाउन लगाने से क्यों बच रही यूपी सरकार? जानिए क्या है वजह

यूपी में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो चुका है। राज्य की राजधानी लखनऊ समेत कई बड़े शहरों में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है।

Dharmendra Singh
Written By Dharmendra Singh
Published on: 21 April 2021 4:29 PM IST (Updated on: 21 April 2021 4:37 PM IST)
लॉकडाउन
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लॉकडाउन (फाइल फोटो- न्यूजट्रैक)

लखनऊ:उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो चुका है। राज्य की राजधानी लखनऊ समेत कई बड़े शहरों में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और वाराणसी समेत पांच शहरों में 26 अप्रैल तक पूर्ण लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया था, लेकिन योगी सरकार ने लॉकडाउन लगाने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।

अब सवाल खड़ा हो रहा है कि जब उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। अस्पतालों में बेड नहीं है, बेड है भी तो आॅक्सीजन नहीं है, तो आखिर योगी सरकार यूपी में लॉकडाउन से लगाने से क्यों बच रही है।
योगी सरकार का कहना है कि सख्ती कोरोना के नियंत्रण के लिए जरूरी है। इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं और आगे भी सख्त फैसल लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीवन बचाने के साथ-साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है, जिसके वजह से लॉकडाउन नहीं लगा सकते हैं। पीएम मोदी ने भी मंगलवार को अपने भाषण में कहा कि राज्य सरकारें लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में ही इस्तेमाल करें।
हालांकि उत्तर प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन की घोषणा की गई है। यूपी सरकार के मुताबिक, अब पूरे राज्य में शनिवार और रविवार को लॉकडाउन रहेगा, तो वहीं वहीं, जिन जिलों में 500 से ज्यादा एक्टिव केस हैं, वहां पर नाइट कर्फ्यू रहेगा। वीकेंड लॉकडाउन शुक्रवार की रात 8 बजे से सोमवार की सुबह 7 बजे तक जारी रहेगा। नाइट कर्फ्यू का समय भी भी रात 8 से सुबह 7 बजे तक है।
-अगर सरकार हाईकोर्ट के आदेश के बाद लॉकडाउन लगा देती तो सरकार के फेल होने का मैसेज आम जनता के बीच चला जाता। इसलिए सरकार ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाना चाहती जिसके कारण उसकी छवि को किसी तरह से नुकसान पहुंचे।
-यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अभी दो चरण के चुनाव बाकी हैं। इसके साथ ही सबसे बड़ी बात यह है कि 2022 की शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव में सिर्फ करीब नौ महीने ही बचे हैं। अगर सरकार लॉकडाउन लगा देती है, तो पंचायत चुनाव टालना पड़ेगा। पंचायत चुनाव को सरकार किसी भी सूरत में टालना नहीं चाहती है। विधानसभा चुनाव भी बीजेपी सरकार के लिए काफी मायने रखता है।
अगर लॉकडाउन लगता है और राज्य की आर्थिक स्थिति बिगड़ती है तो उसका सारा दोष प्रदेश की बीजेपी सरकार के ऊपर मढ़ा जाएगा। विपक्ष को भी सवाल उठाने का मौका मिल जाएगा, योगी सरकार यह किसी भी सूरत पर नहीं चाहती है।
- बता दें कि बीते साल देश में लॉकडाउन की वजह से लाखों लोगों ने नौकरियां गंवा दी थी। लाखों प्रवासी मजदूरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा था। इसके बाद सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी। इन्हीं डर से कोरोना के कहर के बावजूद योगी सरकार प्रदेश में लॉकडाउन न लगाने के लिए तमाम तर्क गिना रही है। इसके पीछे सियासी मजबूरियां भी हैं।

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