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कोरोना की तीसरी लहर के खिलाफ बड़ा अभियान, शुरू हुआ फ्री मेडिकल किट का वितरण

कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों व किशारों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है।

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Published on: 27 Jun 2021 4:11 PM GMT
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कोरोना किट की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ: कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों व किशारों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों की स्वास्थ्य, सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से घर-घर मेडिकल किट वितरण का विशेष अभियान शुरू किया है। प्रदेश में रविवार से 75 जनपदों में 50 लाख के करीब मेडिकल किटों का वितरण के कार्य को शुरू किया गया है। करीब 75 हजार निगरानी समितियों की मदद से लक्षण युक्त बच्चों की पहचान का काम भी शुरू कर दिया गया है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समितियों ने अहम भूमिका निभाई है। ऐसे में एक बार फिर से सरकार ने इन निगरानी समितियों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। बता दें कि तीसरी लहर का डट कर मुकाबला करने के लिए प्रदेश की 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी को सभी अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया गया है।

महानिदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि मेडिकल किट के वितरण के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मेडिकल किट को बच्चों व किशोरों को उनकी उम्र के अनुसार अलग-अलग चार वर्गों में विभाजित किया गया है। नवजात शिशु से लेकर एक साल तक और एक से पांच वर्ष की उम्र के बच्चों की मेडिकल किट में पैरासिटामोल सीरप की दो शीशी, मल्टी विटामिन सीरप की एक शीशी और दो पैकेट ओआरएस घोल रखा गया है। छह से 12 वर्ष की उम्र के बच्चों और 13 से 17 वर्ष की उम्र के किशोरों की मेडिकल किट में पैरासिटामोल की आठ टैबलेट, मल्टी विटामिन की सात टैबलेट, आइवरमेक्टिन छह मिली ग्राम की तीन गोली और दो पैकेट ओआरएस घोल रखा गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। अस्पतालों कोई कमी न हो इस बात भी ध्यान रखा जा रहा है।

कोरोना के लक्षणों समेत मौसमी बीमारी से बचाएगी दवाएं

मेडिकल-किट में उपलब्ध दवाईयां कोविड-19 के लक्षणों से बचाव के साथ 18 साल से कम उम्र के बच्चों का मौसमी बीमारियों से भी बचाएंगी। तीसरी लहर से बचाव के लिए सरकार ने प्रदेश में 75000 निगरानी समितियों को जिम्मेदारी सौंपी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल मेडिसिन किट के वितरण को गति देने के लिए 60 हजार से अधिक निगरानी समितियों के चार लाख से अधिक सदस्यों को लगाया गया है।

प्रो-एक्टिव नीति के तहत प्रदेश में किया जा रहा काम

प्रदेश में विशेषज्ञों के आकलन के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के संबंध में योगी सरकार प्रो-एक्टिव नीति अपना रही है। सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जा रहा है। पीडियाट्रिक विशेषज्ञ, नर्सिंग स्टाफ अथवा टेक्निशियन की जरूरत के अनुसार जिलावार स्थिति का आकलन करते हुए पर्याप्त मानव संसाधन की व्यवस्था युद्धस्तर पर कराई जा रही है। अस्पतालों में बाइपैप मशीन, मोबाइल एक्स-रे मशीन समेत जरूरी उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है। बता दें कि प्रदेश में डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ के पहले चरण का प्रशिक्षण का कार्य पूरा हो गया है। इनके जरिए अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

प्रदेश में महज 3165 एक्टिव केस

कोरोना संक्रमण के मामलों में उत्तर प्रदेश की स्थिति लगातार बेहतर हो रही है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश में संक्रमण के महज 222 नए मामले दर्ज किए गए हैं। प्रदेश में कोविड रिकवरी रेट 98.5 प्रतिशत पहुंच गया है। प्रदेश में अब तक पांच करोड़ 70 लाख 85 हजार 424 कोरोना की जांचें की जा चुकी हैं। मिशन जून के तहत निराधृत लक्ष्य को तय समय सीमा से पहले हासिल करने वाले यूपी में अब तक तीन करोड़ चार लाख 51 हजार 330 वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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