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Ujadte Gaon: गाजीपुर के गांव में कोरोना से 23 लोगों की मौत, सरकार ने अब तक नहीं की मदद

Coronavirus: कोरोना अब तक कई गांवों को उजाड़ चुका है। गाजीपुर के परसा में दो महीने में करीब 23 लोगों की मौत हो गई है।

Rajnish Mishra
Newstrack Rajnish MishraPublished By Shreya
Published on: 31 May 2021 2:35 PM IST (Updated on: 31 May 2021 5:05 PM IST)
Ujadte Gaon: गाजीपुर के गांव में कोरोना से 23 लोगों की मौत, सरकार ने अब तक नहीं की मदद
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डिजाइन फोटो- न्यूजट्रैक

Coronavirus: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Corona Virus Pandemic) ने न जाने अब तक कितने गांवों व परिवारों को उजाड़ (Ujadte Gaon) दिया। इस महामारी के चलते न जाने कितने बच्चे अनाथ (Orphan) हो गए। कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल से लेकर मई तक पूरे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में न जाने कितने गांवों उजाड़ कर रख दिया। कोरोना के चलते हर गावों में मौत होने लगी है। कोई भी ऐसा गांव नहीं बचा जहां आये दिन 10 से 15 मौतें न हो। रोजाना होने वाले मौतों के लक्षणों पर नजर डाली जाये तो अधिकांश मौतों में कोरोना लक्षण ही दिखाई दिया है।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजीपुर जनपद (Ghazipur) में जब अपना भारत/ न्यूजट्रैक (newstrack.com) की टीम ये जानने निकली कि कोरोना की वजह से गाजीपुर जनपद का कौन सा गांव ज्यादा प्रभावित है। तो पता चला की मोहम्दाबाद थाने क्षेत्र के परसा गांव (Parsa Village) में अप्रैल से लेकर मई तक दो महीने में करीब 23 लोगों की मौत हो चुकी है।


ग्राम प्रधान गोपाल पासी (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

दो महीने में हुई 23 लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद में मोहम्मदाबाद थाने क्षेत्र के परसा गांव में अप्रैल से लेकर मई तक करीब 23 लोगों की मौत हो चुकी है। परसा गांव के ग्राम प्रधान गोपाल पासी (Gopal Pasi) ने बताया कि बीते दो महीनों में 23 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में 90 से लेकर 48 वर्ष के लोग शामिल हैं। गोपाल पासी ने बताया की इनमें कुछ कोरोना से तो कुछ स्वभाविक मौतें हुई हैं।हांलाकि जो स्वभाविक मौतें हुई हैं, वो संदिग्ध ही हैं, क्योंकि इनकी कोई कोरोना जांच नहीं हुई थी।


मृतक मंझारी देवी के पति राधेश्याम यादव (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

सरकारी मदद की अपेक्षा

परसा गांव के प्रधान गोपाल पासी ने कहा की जिनकी कोरोना से मौत हुई है। उन्हें अगर सरकार की तरफ से कोई मदद मिल जाती तो परिवार चलाने के लिए अच्छा होता। एक सवाल का जबाब देते हुए ग्राम प्रधान गोपाल पासी ने बताया की गांव में सैनिटाइजेशन का कार्य अपने माध्यम से करा रहे हैं। उन्होंने बताया की सप्ताह में एक बार पूरे गांव में अपने माध्यम से सैनिटाइजेशन कराता हूं। वैक्सीनेशन के सवाल पर गोपाल पासी ने बताया कि हमारे गांव के लोग वैक्सीन भी लगवा रहे हैं और हमारे तरफ से लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।


मृतक रामदहीन की पत्नी विद्यावती (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

सरकार से नहीं मिली कोई मदद

परसा गांव के प्रधान गोपाल पासी ने बताया की जिनकी मौतें हुई हैं। उन लोगों में कुछ ऐसे लोग भी थे जिनकी माली हालत ठीक नहीं था। गोपाल पासी ने बताया की सरकारी सिस्टम की तरफ से अभी तक मृतकों के परिवार को किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली है। बात है जनसहयोग की तो अपने माध्यम से जितना हुआ है, उतना किया हूं।


मृतक मोती बिंद की पत्नी शान्ति देवी (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

23 मौतों में कुछ कोरोना से तो कुछ संदिग्ध

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद के परसा गांव में दो महीनों में होने वाली मौतों पर नजर डाली जाये तो कुछ मौतें कोरोना से हुई हैं तो वहीं कुछ मौतें संदिग्ध भी हुई हैं। जिन्हें आकड़ों में स्वभाविक दिखाया गया है। हालांकि कोरोना काल में जो मौतें स्वाभाविक दिखाई जा रही हैं, उन मृतकों का कोरोना जांच नहीं हुआ है। ग्राम प्रधान ने बताया की इन मौतों में 90 से लेकर 48 वर्ष के महिला व पुरूष शामिल हैं।

ये है परसा गांव के मृतक

ग्राम प्रधान ने बताया की रामप्यारी देवी पत्नी प्रद्युमन राय उम्र (97) वर्ष मृत्यु स्वभाविक या संदिग्ध रामधनी यादव पुत्र मुन्नी यादव (64) मृत्यु स्वभाविक या संदिग्ध, रामचंद्र पुत्र रामजन्म (80) वर्ष मृत्यु कोरोना से, वंशीधर मोर्य (64) वर्ष स्वभाविक या संदिग्ध, रामप्रसाद कुशवाहा (78) मृत्यु स्वभाविक या संदिग्ध, रामसरन कुशवाहा पुत्र रामप्रसाद (62) मृत्यु कोरोना, विन्ध्याचल सिंह यादव (61) वर्ष मृत्यु कोरोना, ऐसे करीब 23 लोगों की मौत दो महीनों में हुई है।

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