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अजय कुमार लल्लू बोले, राहुल की सलाह मानें मोदी, तभी देश का भला
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि यह वक्त भारत के इतिहास में अब तक का शायद सबसे बुरा वक्त है।
लखनऊ: यूपी कांग्रेस (Congress) ने आज भाजपा सरकारों को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें चाहिए कि वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बातों पर ध्यान देकर देश को इस महामारी तथा बढ़ती बेरोजगारी पर काम करें। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) ने कहा कि यह वक्त भारत के इतिहास में अब तक का शायद सबसे बुरा वक्त है। हम सब को साथ एक जुट होकर इस महामारी का मुकाबला करना है।
लेकिन यह महामारी इतना विकराल रूप क्यों ले सकी और क्यों इसका असर इतना भयानक हुआ इस पर भी सोचने की जरूरत है। न केवल लोगों की जान जा रही है बल्कि जो जिंदा भी बच रहे हैं उनका जीवन भी बेहद संकट में बीतने वाला है।
सरकार के नाकारपन की वजह से लोग हुए ऐसे हालात
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए लल्लू ने कहा कि अप्रैल माह में देश में बेरोजगारी दर 8 फीसदी रहने की संभावना है। इन आंकड़ों के मुताबिक मात्र अप्रैल महीने में ही देश में 75 लाख लोगों ने अपने रोजगार से हाथ धोया है और यह अचानक नहीं हुआ है। मार्च में बेरोजगारी 7.8 प्रतिशत और फरवरी में 6.7 प्रतिशत थी। मतलब यह कि बीजेपी सरकार के नाकारपन की वजह से लोग पहले से ही बेरोजगारी की तरफ धकेल दिए जा रहे। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मैं नकारापन की बात इसलिए कर रहा हूं क्योंकि अगर समय रहते महामारी से निपटने की तैयारी की गई होती तो ये हालात नहीं बनते।
सरकार को राहुल गांधी की सलाह मान लेनी चाहिए
उन्होंने कहा कि पिछले साल मोदी सरकार द्वारा बिना योजना के लगाए गए लॉकडाउन ने करोड़ों को बेरोजगार कर दिया था। तब बेरोजगारी ने भारत में 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। सरकार को चेताते हुए अजय कुमार लल्लू ने कहा कि अभी भी वक्त नहीं बीता है। सरकार को राहुल गांधी की सलाह मान लेनी चाहिए। तुरंत कमजोर या गरीबों के खातों में 6000 रुपए कैश ट्रांसफर कर, बीजेपी सरकार को इस वक्त देश की जनता के साथ "न्याय" करना चाहिए।
कांग्रेस पार्टी लंबे समय से यह मांग करती रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने कांग्रेस की, राहुल गांधी की इस सलाह को मान लिया होता तो यह नौबत नहीं आती। तब हमें सिर्फ कोरोना महामारी से लड़ना होता, बेरोजगारी की माहामारी से नहीं।