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कॉर्पोरेट कंपनियों की 40 फीसदी कैश का घोटाला, गिरफ्तारी पर रोक से इंकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहारनपुर के कॉर्पोरेट कंपनियों के डायरेक्टर नसीम अहमद व शेयर होल्डर परिवारी लोगों बानो बेगम, फरीदा बेगम व मोहम्मद इकबाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग में दाखिल याचिकाएं खारिज कर दी है। कुल 41 कॉर्पोरेट कंपनियों में से 24 लापता है।

Rishi
Published on: 28 March 2019 2:13 PM GMT
कॉर्पोरेट कंपनियों की 40 फीसदी कैश का घोटाला, गिरफ्तारी पर रोक से इंकार
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प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहारनपुर के कॉर्पोरेट कंपनियों के डायरेक्टर नसीम अहमद व शेयर होल्डर परिवारी लोगों बानो बेगम, फरीदा बेगम व मोहम्मद इकबाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग में दाखिल याचिकाएं खारिज कर दी है। कुल 41 कॉर्पोरेट कंपनियों में से 24 लापता है। इन कंपनियों में से 40 फीसदी कैश 84 आरोपियों को स्थानान्तरित कर राजकीय कोष से 78.75 करोड़ रूपये का घपला करने का आरोप है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति एन.ए.मुनीस तथा न्यायमूर्ति वी.के.श्रीवास्तव की खण्डपीठ ने सीरियम फ्राड मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए दिया है। याचिका पर सीबीआई के अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश ने प्रतिवाद किया। याचीगण सहारनपुर के मिर्जापुर गांव के निवासी है। नयी दिल्ली में इनके खिलाफ आपराधिक केस दर्ज है। गोमती नगर लखनऊ में भी एफआईआर दर्ज है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से सीरियम फ्रड की ईडी व सीबीआई जांच का आदेश दिया है। राज्य सरकार विजिलेंस जांच करा रही है।

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रणवीर सिंह ने भी घोटाले की एसआईटी जांच की मांग में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर ए.एस.जी.आई. ने सुप्रीम कोर्ट में सैक्शन भी दे दी है। 17 कारपोरेट कंपनियों में 1253.33 लाख रूपये जमा थे। जिसमें से 40 फीसदी कैश ट्रांसफर कर हड़प लिये गये। याचियों का कहना था कि कई एजेंसियां की जांच जारी है। जांच होने पर गिरफ्तारी पर रोक लगायी जाए किन्तु आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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