×

किसानों की दशा पर कोर्ट ने जाहिर की चिंता, आयुष्मान भारत योजना की तारीफ

कोर्ट ने नोएडा अथारिटी को किसानों को 355 रूपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजे का भुगतान 3 माह में करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि किसानों की जमीन विकास के लिए जबरन ले ली जाती है और उन्हें उचित मुआवजे के लिए सालों मुकदमेबाजी में उलझना पड़ता है। 28 साल पहले अधिगृहीत जमीन के मुआवजे के लिए किसानों को 16 साल कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े।

Shivakant Shukla
Published on: 12 April 2019 2:25 PM GMT
किसानों की दशा पर कोर्ट ने जाहिर की चिंता, आयुष्मान भारत योजना की तारीफ
X

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि किसानों का जीवन लगातार नए प्रयोग व वजूद के लिए संघर्ष में बीत रहा है। उन्हें सूखा, बाढ़, व लागत मूल्यों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। उद्योगों की तरह अपने उत्पाद की कीमत तय करने का उन्हें अधिकार नहीं होता। बिचैलिए उनकी मेहनत की कमाई का फायदा उठाते हैं। सरकार किसानों को समानरूप से लाभ देने में नाकाम रही है। इसलिए उनकी जीविका के मूल अधिकार से जुड़ी जमीन के अधिग्रहण पर उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए।

ये भी पढ़ें— अभी 50 से कम घरेलू उड़ानों का परिचालन कर रही है जेट एयरवेज: डीजीसीए

कोर्ट ने कहा किसानों को मिले फसल की उचित कीमत

न्यायमूर्ति एस.पी. केशरवानी ने किसानों के लिए केंद्र सरकार की ‘आयुष्मान भारत योजना’ की तारीफ करते हुए कहा है कि सरकार ने निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं देकर संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। कोर्ट ने कहा कि किसान अभी भी दशकों पहले की स्थिति में है। किसानी से आय से परिवार की न्यूनतम जरूरतें पूरा करने की स्थिति नहीं बन सकी है। कई मामले प्रकाश में आये हैं, जब देश के विभिन्न हिस्सों में किसान दिक्कतों से परेशान होकर अपने जीवन को ही समाप्त कर लिया है।

कोर्ट ने नोएडा अथारिटी को किसानों को 355 रूपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजे का भुगतान 3 माह में करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि किसानों की जमीन विकास के लिए जबरन ले ली जाती है और उन्हें उचित मुआवजे के लिए सालों मुकदमेबाजी में उलझना पड़ता है। 28 साल पहले अधिगृहीत जमीन के मुआवजे के लिए किसानों को 16 साल कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े।

ये भी पढ़ें— सपा-बसपा-कांग्रेस में अकेले चुनाव लड़ने की हैसियत नहीं : डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा

कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण मुआवजे को लेकर दाखिल सैकड़ों किसानों की अपीलें मंजूर कर ली है और प्रत्येक को बतौर हर्जाना 5 हजार रूपये दिए जाने का निर्देश दिया है। 1989 से 1992 तक गौतमबुद्धनगर के चार गावांे छलेरा, आगाहपुर, मोरना व कोशियारपुर की जमीनें अधिगृहीत की गयी। मुआवजे के भुगतान राशि में अंतर को लेकर मोरना गांव के रामपाल व सैकड़ांे किसानों ने अपर जिला जज गाजियाबाद के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। कोर्ट ने आसपास के गांवों की भूमि दर के आधार पर मुआवजा देने का आदेश दिया है।

Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story